इस किताब में जीवन के विभिन्न विषयों को बहुत खूबसूरती से शब्दों की डोर में पिरो कर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया गया है।
इस किताब में जीवन के विभिन्न विषयों को बहुत खूबसूरती से शब्दों की डोर में पिरो कर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया गया है।
(अरुण गाँधी के उपनाम से राजनीति, पत्रकारिता एवं वरिष्ठ मित्रों में १९८० से १९९० के दशक में प्रचलित एक नाम) १८ वर्ष की उम्र में पत्रकारिता आरम्भ, प्रदेश-स्तरीय राजकीय मान्यताप्राप्त पत्रकार, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए राष्ट्र-स्तरीय नि
(अरुण गाँधी के उपनाम से राजनीति, पत्रकारिता एवं वरिष्ठ मित्रों में १९८० से १९९० के दशक में प्रचलित एक नाम) १८ वर्ष की उम्र में पत्रकारिता आरम्भ, प्रदेश-स्तरीय राजकीय मान्यताप्राप्त पत्रकार, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए राष्ट्र-स्तरीय नि
श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...
श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...
यह पुस्तक अपने प्यार के चले जाने के बाद उसकी यादों में खोए रहने और उसके साथ बिताए हुए पलों को दोबारा जीने की कोशिश है.....
यह पुस्तक अपने प्यार के चले जाने के बाद उसकी यादों में खोए रहने और उसके साथ बिताए हुए पलों को दोबारा जीने की कोशिश है.....
प्रिय पाठक, ईश्वर आप सभी को सदैव प्रसन्न रखे! शब्द.इन प्रकाशन द्वारा मेरी अपनी रचनाओं के साकार रूप इस पुस्तक के प्रकाशन पर अन्तर्मन् में अतिशय आनन्द का अनुभव कर रहा हूं। कालेज के समय से ही कविता पढ़ने, सुनने एवं लिखने का बहुत शौक था जो परिस्थितियों
प्रिय पाठक, ईश्वर आप सभी को सदैव प्रसन्न रखे! शब्द.इन प्रकाशन द्वारा मेरी अपनी रचनाओं के साकार रूप इस पुस्तक के प्रकाशन पर अन्तर्मन् में अतिशय आनन्द का अनुभव कर रहा हूं। कालेज के समय से ही कविता पढ़ने, सुनने एवं लिखने का बहुत शौक था जो परिस्थितियों
यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क
यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क
“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे
“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे
कुछ मनमौजी खयालात पर बनी ये मेरी छोटीसी किताब है, उम्मीद करती हूँ आप सबको पसंद आयेगी मेरे द्वारा लिखीत कविताए जो हर एक के भावनाओं को रुबरु करायेगी।
कुछ मनमौजी खयालात पर बनी ये मेरी छोटीसी किताब है, उम्मीद करती हूँ आप सबको पसंद आयेगी मेरे द्वारा लिखीत कविताए जो हर एक के भावनाओं को रुबरु करायेगी।
"हिंदी लेखन" महज एक पुस्तक नही ,यह जीवन में राहचलित गतिविधियो और संघर्षो पर लिखी की कुछ रचनाओं का संग्रह है। इस पुस्तक में लिखित अधिकतर कवितायें आपको जीवन के संघर्षो से लड़ने की हिम्मत जुटाने में निश्चित ही सहायक रहेंगी।
"हिंदी लेखन" महज एक पुस्तक नही ,यह जीवन में राहचलित गतिविधियो और संघर्षो पर लिखी की कुछ रचनाओं का संग्रह है। इस पुस्तक में लिखित अधिकतर कवितायें आपको जीवन के संघर्षो से लड़ने की हिम्मत जुटाने में निश्चित ही सहायक रहेंगी।
एक ऐसे बागवान की कहानी है जो जिन्दगी भर सींचता रहा दरख्तों को ये सोचकर जब बुढ़ापा आएगा तो छाया का आसरा देंगे पर उसे पता ही नहीं था एक दिन एक तूफान आएगा और सब कुछ उड़ा कर ले जायेगा . वो दरख्त सबसे पहले उजड़ गया और तब उस बागवान के साथ क्या-क्या हुआ ये जान
एक ऐसे बागवान की कहानी है जो जिन्दगी भर सींचता रहा दरख्तों को ये सोचकर जब बुढ़ापा आएगा तो छाया का आसरा देंगे पर उसे पता ही नहीं था एक दिन एक तूफान आएगा और सब कुछ उड़ा कर ले जायेगा . वो दरख्त सबसे पहले उजड़ गया और तब उस बागवान के साथ क्या-क्या हुआ ये जान
किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।
किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।
कुछ अपनी और कुछ कल्पना कर के लिखती हूँ , मैं कहानी ,कविता , शेर , गीत और गजल भी लिख लिया करती हूँ । अभी तो शुरूआत हैं ये , आगे शायद मेरी लेखनी में और निखार आ जायेगी ।
कुछ अपनी और कुछ कल्पना कर के लिखती हूँ , मैं कहानी ,कविता , शेर , गीत और गजल भी लिख लिया करती हूँ । अभी तो शुरूआत हैं ये , आगे शायद मेरी लेखनी में और निखार आ जायेगी ।
मेरे किताब का शीर्षक जितना छोटा है उसका अर्थ उतना ही अधिक सुदृढ़ और प्रवीण है "मेरा सपना" जो मेरी पहचान है जिसको समाज की बंदिशों ने, पिता के मान सम्मान ने और कहीं न कहीं लोगों की सोच ने दिल के एक कोने में छुपाने को मजबूर कर दिया था हां दोस्तो
मेरे किताब का शीर्षक जितना छोटा है उसका अर्थ उतना ही अधिक सुदृढ़ और प्रवीण है "मेरा सपना" जो मेरी पहचान है जिसको समाज की बंदिशों ने, पिता के मान सम्मान ने और कहीं न कहीं लोगों की सोच ने दिल के एक कोने में छुपाने को मजबूर कर दिया था हां दोस्तो
मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स
मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स