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अन्य की किताबें

अनोखे शैली में लिखे सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को पढ़े Shabd.in पर। हमारे इस संग्रह में वैसे लेखकों की पुस्तकें हैं जिनकी लेखन शैली ने किसी 'विशेष विषय मानक पैमाने' को तोड़ दिया। इस विषय के लेखकों ने अपने पुस्तकों में अपने लेखन से ऐसा आकार दिया है की उन्हें 'शब्द विशेष विषय' में बांधा न जा सका। तो पढ़ते हैं अनोखे लेखकों के अनोखी पुस्तकों को Shabd.in पर।
शब्दों की डोर

शब्दों की डोर

लिपिका भट्टी

इस किताब में जीवन के विभिन्न विषयों को बहुत खूबसूरती से शब्दों की डोर में पिरो कर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया गया है।

54 पाठक
31 रचनाएँ
3 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 58/-

शब्दों की डोर

शब्दों की डोर

लिपिका भट्टी

इस किताब में जीवन के विभिन्न विषयों को बहुत खूबसूरती से शब्दों की डोर में पिरो कर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया गया है।

54 पाठक
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खयालों की पाँख

खयालों की पाँख

लिपिका भट्टी

विविध विषयों पर कविता संग्रह।

16 पाठक
12 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 45/-

खयालों की पाँख

खयालों की पाँख

लिपिका भट्टी

विविध विषयों पर कविता संग्रह।

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धन्यवाद फेसबुक

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Arun Kumar Shrivastava

(अरुण गाँधी के उपनाम से राजनीति, पत्रकारिता एवं वरिष्ठ मित्रों में १९८० से १९९० के दशक में प्रचलित एक नाम) १८ वर्ष की उम्र में पत्रकारिता आरम्भ, प्रदेश-स्तरीय राजकीय मान्यताप्राप्त पत्रकार, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए राष्ट्र-स्तरीय नि

3 पाठक
2 रचनाएँ
16 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 66/-

धन्यवाद फेसबुक

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Arun Kumar Shrivastava

(अरुण गाँधी के उपनाम से राजनीति, पत्रकारिता एवं वरिष्ठ मित्रों में १९८० से १९९० के दशक में प्रचलित एक नाम) १८ वर्ष की उम्र में पत्रकारिता आरम्भ, प्रदेश-स्तरीय राजकीय मान्यताप्राप्त पत्रकार, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए राष्ट्र-स्तरीय नि

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बचपन

बचपन

Deepak Singh (Deepu)

बचपन कैसे गुज़रता है पता नहीं चलता लेकिन ताउम्र बचपन की यादें हमारे ज़हन में जिन्दा रहती हैं |

18 पाठक
8 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 36/-

बचपन

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Deepak Singh (Deepu)

बचपन कैसे गुज़रता है पता नहीं चलता लेकिन ताउम्र बचपन की यादें हमारे ज़हन में जिन्दा रहती हैं |

18 पाठक
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लालीराम के शब्दपुष्प हार

लालीराम के शब्दपुष्प हार

Laliram

श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...

2 पाठक
44 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

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₹ 18/-

लालीराम के शब्दपुष्प हार

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Laliram

श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...

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₹ 18/-

यादें

यादें

अजय बाबू मौर्य

यह पुस्तक अपने प्यार के चले जाने के बाद उसकी यादों में खोए रहने और उसके साथ बिताए हुए पलों को दोबारा जीने की कोशिश है.....

2 पाठक
6 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 118/-

यादें

यादें

अजय बाबू मौर्य

यह पुस्तक अपने प्यार के चले जाने के बाद उसकी यादों में खोए रहने और उसके साथ बिताए हुए पलों को दोबारा जीने की कोशिश है.....

2 पाठक
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नज्म-ए-आनंद

नज्म-ए-आनंद

आनन्द कुमार

आत्मा से उत्सर्जित शब्दो से बनी काव्य रचनाओ का संकलन है 'नज्म-ए-आनंद' ।

13 पाठक
10 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

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₹ 24/-

नज्म-ए-आनंद

नज्म-ए-आनंद

आनन्द कुमार

आत्मा से उत्सर्जित शब्दो से बनी काव्य रचनाओ का संकलन है 'नज्म-ए-आनंद' ।

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उम्र अभी बाकी है

उम्र अभी बाकी है

योगेन्द्र सिंह

प्रिय पाठक, ईश्वर आप सभी को सदैव प्रसन्न रखे! शब्द.इन प्रकाशन द्वारा मेरी अपनी रचनाओं के साकार रूप इस पुस्तक के प्रकाशन पर अन्तर्मन् में अतिशय आनन्द का अनुभव कर रहा हूं। कालेज के समय से ही कविता पढ़ने, सुनने एवं लिखने का बहुत शौक था जो परिस्थितियों

11 पाठक
82 रचनाएँ
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₹ 66/-

उम्र अभी बाकी है

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योगेन्द्र सिंह

प्रिय पाठक, ईश्वर आप सभी को सदैव प्रसन्न रखे! शब्द.इन प्रकाशन द्वारा मेरी अपनी रचनाओं के साकार रूप इस पुस्तक के प्रकाशन पर अन्तर्मन् में अतिशय आनन्द का अनुभव कर रहा हूं। कालेज के समय से ही कविता पढ़ने, सुनने एवं लिखने का बहुत शौक था जो परिस्थितियों

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मधुरिमा

मधुरिमा

रामवृक्ष

यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क

6 पाठक
38 रचनाएँ
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₹ 53/-

मधुरिमा

मधुरिमा

रामवृक्ष

यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क

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एक ऒर कदम

एक ऒर कदम

Singh ji

“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे

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₹ 70/-

एक ऒर कदम

एक ऒर कदम

Singh ji

“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे

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मनमौजी खयाल

मनमौजी खयाल

sangita kulkarni

कुछ मनमौजी खयालात पर बनी ये मेरी छोटीसी किताब है, उम्मीद करती हूँ आप सबको पसंद आयेगी मेरे द्वारा लिखीत कविताए जो हर एक के भावनाओं को रुबरु करायेगी।

11 पाठक
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₹ 89/-

मनमौजी खयाल

मनमौजी खयाल

sangita kulkarni

कुछ मनमौजी खयालात पर बनी ये मेरी छोटीसी किताब है, उम्मीद करती हूँ आप सबको पसंद आयेगी मेरे द्वारा लिखीत कविताए जो हर एक के भावनाओं को रुबरु करायेगी।

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दिल की आवाज

दिल की आवाज

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

शब्दों की लड़ी ....

30 पाठक
26 रचनाएँ
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₹ 8/-

दिल की आवाज

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रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

शब्दों की लड़ी ....

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हिंदी लेखन

हिंदी लेखन

Gagan Kumar Sharma

"हिंदी लेखन" महज एक पुस्तक नही ,यह जीवन में राहचलित गतिविधियो और संघर्षो पर लिखी की कुछ रचनाओं का संग्रह है। इस पुस्तक में लिखित अधिकतर कवितायें आपको जीवन के संघर्षो से लड़ने की हिम्मत जुटाने में निश्चित ही सहायक रहेंगी।

4 पाठक
17 रचनाएँ
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₹ 48/-

हिंदी लेखन

हिंदी लेखन

Gagan Kumar Sharma

"हिंदी लेखन" महज एक पुस्तक नही ,यह जीवन में राहचलित गतिविधियो और संघर्षो पर लिखी की कुछ रचनाओं का संग्रह है। इस पुस्तक में लिखित अधिकतर कवितायें आपको जीवन के संघर्षो से लड़ने की हिम्मत जुटाने में निश्चित ही सहायक रहेंगी।

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एक और बागवान

एक और बागवान

मानव सिंह राणा 'सुओम'

एक ऐसे बागवान की कहानी है जो जिन्दगी भर सींचता रहा दरख्तों को ये सोचकर जब बुढ़ापा आएगा तो छाया का आसरा देंगे पर उसे पता ही नहीं था एक दिन एक तूफान आएगा और सब कुछ उड़ा कर ले जायेगा . वो दरख्त सबसे पहले उजड़ गया और तब उस बागवान के साथ क्या-क्या हुआ ये जान

2 पाठक
6 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

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₹ 120/-

एक और बागवान

एक और बागवान

मानव सिंह राणा 'सुओम'

एक ऐसे बागवान की कहानी है जो जिन्दगी भर सींचता रहा दरख्तों को ये सोचकर जब बुढ़ापा आएगा तो छाया का आसरा देंगे पर उसे पता ही नहीं था एक दिन एक तूफान आएगा और सब कुछ उड़ा कर ले जायेगा . वो दरख्त सबसे पहले उजड़ गया और तब उस बागवान के साथ क्या-क्या हुआ ये जान

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मेरे अन्दर का लेखक

मेरे अन्दर का लेखक

दिनेश कुमार कीर

पद्यात्मक, कविता के माध्यम से अनमोल काव्य लेखन संग्रह

6 पाठक
26 रचनाएँ
2 लोगों ने खरीदा

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₹ 23/-

मेरे अन्दर का लेखक

मेरे अन्दर का लेखक

दिनेश कुमार कीर

पद्यात्मक, कविता के माध्यम से अनमोल काव्य लेखन संग्रह

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मेरी कलम से.....

मेरी कलम से.....

Meenakshi Suryavanshi

किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।

67 पाठक
116 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 37/-

मेरी कलम से.....

मेरी कलम से.....

Meenakshi Suryavanshi

किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। सबसे अच्छी किताबें वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों। ऐसा ही कुछ मै अपनी किताब में लिख रही हूं।

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" शब्दों की मोती "

" शब्दों की मोती "

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

कुछ अपनी और कुछ कल्पना कर के लिखती हूँ , मैं कहानी ,कविता , शेर , गीत और गजल भी लिख लिया करती हूँ । अभी तो शुरूआत हैं ये , आगे शायद मेरी लेखनी में और निखार आ जायेगी ।

12 पाठक
7 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

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₹ 3/-

" शब्दों की मोती "

" शब्दों की मोती "

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

कुछ अपनी और कुछ कल्पना कर के लिखती हूँ , मैं कहानी ,कविता , शेर , गीत और गजल भी लिख लिया करती हूँ । अभी तो शुरूआत हैं ये , आगे शायद मेरी लेखनी में और निखार आ जायेगी ।

12 पाठक
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मेरा सपना

मेरा सपना

Pinki Khandelwal

मेरे किताब का शीर्षक जितना छोटा है उसका अर्थ उतना ही अधिक सुदृढ़ और प्रवीण है  "मेरा सपना" जो मेरी पहचान है जिसको समाज की बंदिशों ने, पिता के मान सम्मान ने और कहीं न कहीं लोगों की सोच ने दिल के एक कोने में छुपाने को मजबूर कर दिया था        हां दोस्तो

2 पाठक
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₹ 74/-

मेरा सपना

मेरा सपना

Pinki Khandelwal

मेरे किताब का शीर्षक जितना छोटा है उसका अर्थ उतना ही अधिक सुदृढ़ और प्रवीण है  "मेरा सपना" जो मेरी पहचान है जिसको समाज की बंदिशों ने, पिता के मान सम्मान ने और कहीं न कहीं लोगों की सोच ने दिल के एक कोने में छुपाने को मजबूर कर दिया था        हां दोस्तो

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क्योंकि वतन है सर्वोपरि

क्योंकि वतन है सर्वोपरि

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

देशप्रेम से ओतप्रोत कहानी

3 पाठक
8 रचनाएँ
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₹ 59/-

क्योंकि वतन है सर्वोपरि

क्योंकि वतन है सर्वोपरि

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

देशप्रेम से ओतप्रोत कहानी

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मन की कोठर से...

मन की कोठर से...

ओंकार नाथ त्रिपाठी

मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स

14 पाठक
51 रचनाएँ
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₹ 74/-

मन की कोठर से...

मन की कोठर से...

ओंकार नाथ त्रिपाठी

मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स

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