नई दिल्लीः बसपा सरकार में यूपी में हुए 1400 करोड़ के स्मारक घोटाले में सपा सरकार चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है। इस बात को इसलिए बल मिला है, क्योंकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल में घोटाले की जांच की प्रगति रिपोर्ट तलब की है। अखिलेश यादव ने यह कदम भाजपा को जवाब देने के लिए उठाया है। वजह कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य हर मंच से सपा सरकार पर बसपा से मिलीभगत कर घोटाले के आरोपी नेताओं को बचाने का आरोप लगाकर मुद्दा बना रहे। सियासी गलियारे में चर्चा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जांच एजेंसी को स्वतंत्रता से एक्शन लेने का फरमान जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री नसीमु्ददीन और बाबूलाल कुशवाहा जेल जा सकते हैं। कुशवाहा अब बसपा में नहीं हैं।
1400 करोड़ के घोटाले में 19 पर दर्ज है केस
बसपा राज में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने राजधानी लखनऊ और नोएडा में स्मारकों पर बेहिसाब पैसा खर्च किया। तकरीबन 1400 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई। जिस पर एक जनरी 2014 को गोमतीनगर थाने में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
कोई एक्शन न होने पर भाजपा हुई हमलावर
चुनाव के दौरान अखिलेश यादव साइकिल रैली जहां भी निकाले, स्मारक घोटाले के आरोपी बसपा सरकार के मंत्रियों और अफसरों को सरकार बनने पर जेल भेजने के दावे करते रहे। सरकार बनने पर 2014 में मुकदमा दर्ज हुआ तो लगा कि कुछ कार्रवाई होगी। मगर, ढाई साल बाद भी कुछ नहीं हुआ। अब विधानसभा चुनाव नजदीक आया तो भाजपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए सपा-बसपा में मिलीभगत का आरोप लगाना शुरू किया है। खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कई बार मंच से यह तोहमत सपा पर जड़ चुके हैं। ऐसे में अब मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस मामले को खंगालना शुरू कर दिया है।
डीजी, सतकर्ता अधिष्ठान बोले-जल्द दिखेगा नतीजा
यूपी में सतर्कता अधिष्ठान के महानिदेशक भानु प्रताप सिंह का कहना है कि स्मारक घोटाले की सरकार मानीटरिंग कर रही है। दो सौ लोगों के बयान दर्ज होने से जांच में काफी कुछ सामने आ चुका है। जल्द ही रिजल्ट सामने आएगा।