
नई दिल्लीः पंजाब चुनाव जीतने के लिए स्थानीय जमीनी नेताओं के सिर पर पैसे वाले बाहरी नेताओं को बैठा देने को लेकर आप में बगावत शुरू हो गई है। पार्टी के आरटीआई विंग के प्रदेश महासचिव हरमिलाप सिंह ग्रेवाल ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। ग्रेवाल आप से जुड़ने के पहले 30 लाख रुपये पैकेज की नौकरी कर रहे थे। उन्होंने केजरीवाल को तानाशाह बताते हुए इल्जाम लगाया कि पार्टी वालंटियरों की बेइज्जती कर रही। इससे पहले जब केजरीवाल ने 19 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की थी तब पंजाब संयोजक सुच्चा सिंह ने भी पार्टी की पीएसी यानी पार्लियामेंट अफेयर्स कमेटी पर मनमानी करने का इल्जाम लगाया था।
पंजाब चुनाव से पहले पार्टी में पड़ी फूट से केजरीवाल मुश्किल में हैं। उन्हें बना-बनाया माहौल अब बिगड़ने का भय सता रहा।
पंजाब की लीडरशिप को दरकिनार कर हवाई नेताओं को सिर पर बैठा रहे
हरमिलाप सिंह ग्रेवाल ने कहा कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की पूरे नेतृत्व को दरकिनार कर बैठे हैं। संजय सिंह, दुर्गेश पाठक और कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर पंजाबियों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं। हरमिलाप सिंह ने आप के कोर कमेटी के सक्रिय सदस्य व प्रवक्ता पद से भी इस्तीफा दिया है।
भ्रष्ट लोगों को केजरीवाल लड़ा रहे चुनाव
हरमिलाप सिंह ने कहा कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार और घपले-घोटाले में घिरे तमाम मालदार लोगों को टिकट दिया है। दिल्ली के नेताओं के इशारे पर 117 सीटों के टिकट तय किए गए। स्थानीय नेताओं से चर्चा करना भी उचित नहीं समझा गया। यह चुनाव पंजाब का है न कि दिल्ली का। ऐसे में पंजाब की लीडरशिप को नजरअंदाज करना पार्टी के न केवल आचरण के विपरीत है, बल्कि केजरीवाल की तानाशाही का भी परिचायक है।