बीजिंग : चीन के एक सरकारी समाचार पत्र ने अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर भारत खासकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू की आलोचना करते हुए कहा है कि अगर भारत ने 'गंदा' खेल चुना है, तो बीजिंग को जैसे को तैसा की तरह जवाब देने से नहीं हिचकना चाहिए।
चीनी क्षेत्र पर भारत का अवैध कब्जा
'इंडिया यूज दलाईलामा एक लिवरेज इरिस्पॉन्सिबल' नामक संपादकीय लेख में सरकारी अखबार चाइना डेली ने कहा कि नई दिल्ली न केवल दलाईलामा को दक्षिण तिब्बत के दौरे की इजाजत दी, बल्कि एक ऐतिहासिक चीनी क्षेत्र पर भारत ने अवैध कब्जा कर रखा है और उसे अरुणाचल प्रदेश के नाम से बुलाता है, यही नहीं गृह मामले के कनिष्ठ मंत्री तिब्बत की स्वतंत्रता के आध्यात्मिक गुरु के साथ थे।रिपोर्ट के मुताबिक, "यह बीजिंग के लिए दोहरा अपमान है।" लेख में रिजिजू के उस बयान की आलोचना की गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश 'भारत का अविभाज्य हिस्सा है।'
तिब्बत भी चीनी क्षेत्र का हिस्सा
लेख में कहा गया है कि ताइवान तथा चीन के अन्य हिस्सों की तरह तिब्बत भी चीनी क्षेत्र का हिस्सा है और नई दिल्ली इससे सहमत है या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। संपादकीय के मुताबिक, अंग्रेजों ने शासन के दौरान चीन के अंदरूनी संघर्ष का फायदा उठाते हुए दक्षिणी तिब्बत को चीन से चुरा लिया था। लेख में कहा गया है कि अगर मामले पर रिजिजू को संदेह हो, तो वह ऐतिहासिक अभिलेख पर नजर डाल लें, उनको असलियत का अंदाजा हो जाएगा।