नई दिल्ली : यूपी में खाट सभा कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जहां अपने आपको गरीबों का मसीहा साबित करने में लगे हैं वहीँ बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के 28 गरीबों को छत मुहैया कराकर ये साबित कर दिया है कि वह वाकई में गरीबों के मसीहा हैं.
देश से गरीबी मिटाने की पहल
यूपी में सुल्तानपुर सीट के सांसद और केंद्रीय मंत्री के पुत्र वरुण गांधी अब गरीबों के मसीहा बन गए है. दरअसल अपने संसदीय क्षेत्र में उन्होंने दो गांवों के 28 लोगों के लिए अपने वेतन से पैसे जुटाकर घर बनाये हैं. जिनकी चाबी मिलते ही उन परिवारों के चेहरे खिल गए, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं थे. गौरतलब है कि देश और प्रदेश में किसी सांसद द्वारा जगाई गई ये पहली अलख है. जिसने यह साबित कर दिया है कि उन्हें अपनी जनता से कितना प्यार है. स्वर्गीय संजय गांधी के पुत्र वरुण गांधी अपने पिता की इस विरासत की सीट से जुडी पुरानी यादे गंवाना नहीं चाहते हैं.
वरुण ने आशियानो की चाबियां सौंपी
बताया जाता है कि अमेठी के तर्ज़ पर सुल्तानपुर के लोगों ने गांधी परिवार के नुमाइंदे को चुना, कुछ बेहतर होने की उम्मीद लगाई. अब वो चीज़ सामने आने जा रही है, मंगलवार को लम्भुआ विधानसभा के दो ब्लाकों एवं जयसिंहपुर और सुल्तानपुर विधानसभा के एक-एक ब्लाकों में सुल्तानपुर सांसद वरुण गाँधी ने अपनी तनख्वाह के पैसे से निर्मित 28 आशियानो की चाबियां गरीबों को उनके हाथों में सौंप दी.
राहुल के क्षेत्र में गरीब छत को तरस रहे हैं
फिलहाल देश और प्रदेश में किसी सांसद द्वारा जगाई गई ये पहली अलख है और खाट पर सभा कर गरीबी दूर करने का दावा कर रहे अमेठी सांसद राहुल गाँधी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है की गरीबी दूर करने के लिए खाट पर बैठने की बजाय त्याग करना जरुरी होता है. इसी का नतीजा है कि राहुल एक दशक से ज़्यादा समय से अमेठी के सांसद हैं और उसके बाद भी उनके इलाके के गरीब छत को तरस रहे हैं.
झोपड़ पट्टी में रहने वालों को मिली पक्की छत
इस बावत भाजपा के ज़िला मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि सांसद वरूण गाँधी की तनख्वाह से निर्मित हुए मकानों की खासियत क्या है? वरुण गांधी के तनख्वाह से बने 28 मकानों की कुल लागत प्रति मकान सवा से डेढ़ लाख आंकी गई है. इन मकानों की खास बात ये के इनको चमकाने के लिए जिस रंग का इस्तेमाल हुआ. उसमें भगवा रंग का ख़ास ख़याल रखा गया. मकानों को मूलभूत सुविधाओं से लैस करते हुए उसमें वायरिंग और पानी की सुविधा दी गई है. अब तक झोपड़ पट्टी में रहने वाले गरीब को पक्की फ़र्श और पक्की छत नसीब होगी.
बहादुरपुर में भी 6 परिवारों को जोड़ेंगे वरुण
सांसद वरुण गांधी की इस अलख का सबसे ज़्यादा लाभ लम्भुआ विधानसभा के गरीबों को मिलने जा रहा है. यहां भदैया ब्लाक में 7, लम्भुआ ब्लाक 4 और प्रतापपुर कमैंचा ब्लाक में 6 गरीब परिवारों के सिर पर अब छत देखने को मिली हैं. इसके अलावा विधानसभा जयसिंहपुर के मोतिगरपुर ब्लाक के खरगपुर के जिन 5 गरीब परिवारों को सांसद अपने वेतन से छत दे रहे हैं. वो सभी परिवार एससी जाति में आते हैं. वहीं वरूण गाँधी सुल्तानपुर विधानसभा के धंपतगंज ब्लाक के मठिया बहादुरपुर में भी 6 परिवारों को अपने द्वारा आयोजित इस योजना से जोड़ रहे हैं.
5 हज़ार गरीबों को छत देने का लक्ष्य
चौंकाने वाली बात ये है कि सांसद वरुण गांधी ने अपनी तनख्वाह से निर्मित इस योजना में जात-पात से उठकर कार्य किया है, जिसका प्रमाण लम्भुआ विधानसभा के ब्लाक भदैया का बेला मोहन गांव है. सबसे ज़्यादा दिए जा रहे आशियानो वाले इस ग्राम में 4 मुस्लिम जाति के गरीब परिवार शामिल हैं. उधर सांसद वरुण गांधी आगे भी इस क्रम को बरकारार रखने के लिए 5 हज़ार ऐसे आशियानो को निर्मित कराने का टार्गेट लेकर चल रहे हैं.