नई दिल्ली: दुनिया की सबसे खतरनाक युद्ध की रणनीति, वाशिंगटन में अमेरिका के रक्षा मुख्यालय से ये महिला तय कर रही हैं. इस महिला का नाम है आरती प्रभाकर और वे एक टॉप सीक्रेट मिशन के तहत आतंकी संगठन ISIS को ध्वस्त करने की रणनीति बना रही हैं. आरती, पेंटागन की महत्वपूर्ण संस्था DARPA की प्रमुख है.
DARPA यानी डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी. 57 वर्षीय आरती प्रभाकर ऐसी कुर्सी पर बैठी हैं कि वे सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और रक्षा सचिव एश्टन कार्टर के साथ जुडी हैं. सैन्य शक्ति और टेक्नोलॉजी के मामले में आरती की गिनती धरती पर सबसे ताकतवर व्यक्तियों में से एक के तौर पर की जाती है.
दिल्ली में जन्मी आरती, अमेरिका की पहली महिला जिन्होंने की 'एप्लाइड' फिजिक्स में डॉक्टरेट
1959 में दिल्ली में जन्मी आरती जब तीन वर्ष की थी तो अपनी माँ के साथ शिकागो चली गयी थीं.वे अमरीकी की पहली महिला हैं जिन्होंने एप्लाइड फिजिक्स में डॉक्टरेट की है. इसके बाद वो रक्षा टेक्नोलॉजी से जुड़ गयी. उनका काम सवार्धिक आधुनिक हथियारों को विकसित करना है. आरती की अद्भुत क्षमता को देखकर चार साल पहले उन्हें ओबामा ने अमेरिका की सर्वोच्च डिफेंस रीसर्च संस्था DARPA का डायरेक्टर बनाया था.
दुनिया की पहली रोबोट वॉर शिप को विकसित किया, ISIS के नेटवर्क ध्वस्त करने के लिया नया प्रोजेक्ट
अमेरिकी रक्षा विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक आरती प्रभाकर MEMEX नाम के एक बड़े इन्टरनेट प्रोजेक्ट को विकसित कर रही हैं जो ISIS के सारे ऑनलाइन नेटवर्क को ध्वस्त कर देगा. MEMEX को उनके विभाग ने पहले मानव तस्करी और सेक्स ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए बनाया था.
आरती की अध्यक्षता में कुछ दिन पहले ही DARPA ने रोबोट से चलने वाली पहली फाइटर शिप को समंदर में उतारा था. सी हंटर के नाम वाली इस रोबोट शिप को आरती, रिमोट कण्ट्रोल से हज़ारों किलोमीटर दूर बग़दादी के गढ़ सीरिया के करीब भू-मध्य सागर तक ले जा सकती है और वहीँ से ISIS के अड्डों को मिसाइल के ज़रिये उड़ाने में सफल हो सकती हैं. इस आपरेशन की खासियत ये होगी कि शिप पर एक भी सैनिक सवार नही होगा. सारा काम रिमोट से रोबोट करेंगे.
आरती की टीम ने विकसित किया सबसे आधुनिक लेंस, जिससे कोई नही छिप सकता
आरती प्रभाकर की अगुआई में DARPA ने 'रेकॉन्फिगरेबल' इमेजिंग प्रोग्राम के तहत एक ऐसा शक्तिशाली कैमरा विकसित किया है कि दुनिया दंग रह गयी है. ये कैमरा अंतरिक्ष से लेकर समंदर की सबसे निचली सतह तक तस्वीर ही नही, x-ray तक कर सकता है. इस कैमरे को सैटेलाइट से लेकर विमान तक में फिट किया जा सकता है और एक बार जैसे ही कैमरा चालू होगा कि इसके लेंस से दुनिया में एक सेंटीमीटर की जगह भी नही बच सकती है.
दरअसल इस कैमरा का लेंस अपना टारगेट पहचान लेता है. उसे माइक्रो स्तर पर कॉन्फ़िगर करके ये बता देगा कि जिस शख्स की तस्वीर लेंस ने कैद की है वो बगदादी है या कोई और आंतंकवादी. टारगेट की पहचान के दस सेकंड के भीतर DARPAA की रोबोट शिप की मिसाइल से उस लोकेशन पर छिपे आतंकी को मारा जा सकता है.
बहरहाल आरती प्रभाकर कई ऐसे सीक्रेट मिशन पर डटी हैं जिन्हें पेंटागन ने अभी तक किसी को भनक नही लगने दी है. ऐसा कहा जाता है कि रिमोट कण्ट्रोल युक्त हज़ारों किलोमीटर तक उड़ने वाले UAVs भी DARPA ने विकसित कर लिए हैं. ये UAVs भविष्य में युद्ध लड़ने की रणनीति पूरी तरह बदल देंगे. सूत्रों के मुताबिक आरती ज्यादातर अमेरिकी वायुसेना और थल सेना प्रमुख के संपर्क में रहती हैं और उनकी मदद के लिए नई टेक्नोलॉजी सैनिकों को उपलब्ध कराती रहती हैं.
आरती के बारे में पेंटागन में कहा जाता है कि वे 21 वीं सदी की सबसे मेधावी डिफेंस टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं. ज़ाहिर है भारतीय मूल की इस शख्सियत के बारे में जानकार हर हिंदुस्तानी का सीना 56 इंच चौड़ा हो जाता है.