नई दिल्लीः रेत से तेल निकालना। यह जुमला सटीक बैठता है छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर नीरज पर। छत्तीसगढ़ के इस नक्सल प्रभावित जिले में तैनाती से ही अफसर घबराते हैं, नक्सलियों के दुस्साहस का आलम यह कि यहां के डीएम एलेक्स पॉल का चार साल पहले नक्सली अपहरण कर चुके हैं, मगर इससे बेपरवाह कलेक्टर नीरज कुमार यहां भावी अफसरों की नर्सरी तैयार करने में जुटे हैं। वो भी नक्सलियों की धमकी को दरकिनार कर। अक्सर होने वाली नक्सल गतिविधियों के चलते इस जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों से जुड़े प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर पाते। वजह कि अफसर ही सुदूर गांवों में जाने से घबराते हैं। मगर तैनाती होने के बाद कलेक्टर नीरज कई कदम आगे निकलकर काम कर रहे हैं। यहां के स्कूलों में खुद किताब लेकर पढ़ाने निकल जाते हैं तो युवाओं को अफसर बनने के टिप्स भी दे रहे। मकसद है युवाओं की जिंदगी तराशने का। तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह से कलेक्टर युवाओं से मुखाबित हैं।
IAS-1PS की दे रहे मुफ्त कोचिंग देने पर मुख्यमंत्री ने कहा-शाबास
कलेक्टर नीरज ने प्रशासन की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नई दिशा कोचिंग शुरुआत की है। इसमें इस वक्त पांच सौ युवा रोज क्लास ले रहे हैं। फुर्सत निकालकर डीएम नीरज खुद पढ़ाने आते हैं और भी जिले के अफसर क्लास लेते हैं। इसके अलावा डीएम की पहल पर विषय विशेषज्ञ भी इस कोचिंग में समय दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को जब सुकमा कलेक्टर की इस पहल के बारे में जानकारी मिली तो वे नई दिशा कोचिंग का दौरा करने से खुद को रोक नहीं सके। केंद्र में स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने भी सुकमा में बुनियादी से लेकर उच्च शिक्षा की बेहतरी की दिशा में डीएम के प्रयास की सराहना की है।
सुकमा के डीएम का भी नक्सली कर चुके हैं अपहरण
सुकमा के नक्सली कितने खतरनाक हैं, इसका अंदाजा इसी उदाहरण से लगाया जा सकता है कि चार साल पहले तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का भी नक्सली अपहरण कर चुके हैं। नौ दिन बाद कब्जे में रखा था। बाद में सरकार की ओर से वार्ता में शर्तें मनवाने के बाद नक्सलियों ने कलेक्टर एलेक्स पॉल को रिहा किया था। ऐसे में मौजूदा कलेक्टर नीरज की ओर से युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश काबिलेतारीफ है।