अविश्वास प्रस्ताव ये परखता है कि क्या सरकार के पास समर्थन है. कोई भी लोकसभा सांसद जो 50 सांसदों का समर्थन हासिल कर सकता है, किसी भी समय सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होती है. जो सांसद इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं वो सरकार की कमियों को उजागर करते है।. पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना भाषण शुरू करते हुए कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार बार जो विश्वास जताया है, मैं आज देश के कोटी-कोटी नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं. कहते हैं भगवान बहुत दयालु हैं और भगवान की मर्जी होती है कि वो किसी न किसी के माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करता है, किसी न किसी को माध्यम बनाता है. मैं इसे भगवान का आशिर्वाद मानता हू्ं कि ईश्वर ने विपक्ष को सुझाया और वो प्रस्ताव लेकर आए.।
पीएम मोदी ने कहा कि 2018 में भी ये ईश्वर का ही आदेश था, जब विपक्ष के साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए. उस समय भी मैंने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं, बल्कि ये उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है. हुआ भी वही. जब मतदान हुआ तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे. इतना ही नहीं, जब हम सब जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी तकात के साथ इनके लिए नो कॉन्फिडेंस घोषित कर दिया और चुनाव में एनडीए को भी ज्यादा सीटें मिलीं और भाजपा को भी ज्यादा सीटें मिलीं. यानी एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है. ।शाम को विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया, इसमें मोदी सरकार की जीत हुई. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की. इस दौरान पीएम ने I.N.D.I.A. गठबंधन को घमंडिया गठबंधन कहा. इसी के साथ राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा.
मोदी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा. बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से चर्चा शुरू हुई थी. तीन दिन बाद आज ये खत्म हुई.
इसी के साथ कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने पीएम मोदी पर टिप्पणी की थी, जिसको आपत्तिजनक माना गया.।