हिट एंड रन का मतलब है तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और फिर भाग जाना। भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र किया गया है जिसमें ड्राइवर की लापरवाही से पीड़ित की मौत होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।
केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून पर देशभर में बवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में कानून में किए गए संशोधन का देशभर में चक्काजाम कर विरोध हो रहा है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई प्रदेशों में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते हाहाकार मचा हुआ है। पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश में देखा जा रहा है। इस बीच ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और सरकार के बीच मंगलवार को दिल्ली में बैठक हुई। इसमें सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल को खत्म करने का निर्णय लिया गया।केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि हिट एंड रन का नया कानून अभी लागू नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान को फिलहाल लागू नहीं किया जाएगा. सरकार के इस फैसले के बाद ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी कहा है कि हड़ताल वापस होगी. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी ट्रक ट्राइवरों से अपील की है कि वे काम पर लौट जाएं.।फिलहाल हिट एंड रन के मामलों में सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि अपराध स्थल पर अपराधी के खिलाफ किसी भी प्रत्यक्ष सबूत का अभाव होता है। इस वजह से पुलिस अधिकारियों के लिए जांच को आगे बढ़ाना और अपराधी को ढूंढना बेहद मुश्किल हो जाता है। इनमें से ज्यादातर अपराधी भाग जाते हैं और शायद ही कभी पकड़ा जाते हों।
दूसरी समस्या यह है कि जिन गवाहों पर जांच निर्भर करती है वे भी मदद करने से कतराते हैं क्योंकि वो किसी भी तरह के कानूनी मसले में फंसना नहीं चाहते हैं। कानून को लेकर ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के मद्देनजर अब से थोड़ी ही देर में शाम 7 बजे ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक होगी, जिसके बाद यह उम्मीद की जा रही है कि देशभर में चल रही हड़ताल खत्म हो जाएगी। सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर यह कानून अच्छा है। लेकिन ट्रक ड्राइवर व अन्य लोग इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। तो आशा हैं की सरकार से वार्ता के बाद कुछ नए फैसले आएंगे और कुछ लचीलापन सरकार की तरफ से भी होगा।
( ज्योति)