राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी साल में बजट के दौरान प्रदेश में 19 नए जिलों और तीन नए संभाग बनाने का एलान किया था. वहीं अब इन नए जिलों और संभागों को गहलोत कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. इसके बाद अब राजस्थान 50 जिलों और 10 संभाग वाला राज्य बन गया है. सात अगस्त को नए जिलों की स्थापना की जाएगी. साथ ही सर्वधर्म सभा और पूजा पाठ भी किया जाएगा.
वहीं जयपुर दो भागों में चल रहे विवाद भी अब थम गया है. दरअसल, जयपुर को दो भागों में बांटते हुए जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण दो नए जिले बना दिए गए हैं. इसी तरह जोधपुर शहर और जोधपुर ग्रामीण को भी अलग कर दो नए जिले बना दिए गए हैं. वहीं दूदू को लेकर भी गहलोत ने कैबिनेट ने फैसला लिया है. कैबिनेट ने जो क्षेत्र दूदू में शामिल नहीं होना चाहते थे उसे जयपुर ग्रामीण में जोड़कर दूदू को अलग जिला बना दिया है. इसके बाद दूदू राजस्थान का सबसे छोटा जिला बन गया है. इससे पहले धौलपुर राजस्थान का सबसे छोटा जिला था.।सीएम गहलोत ने ट्वीट किया, "क्षेत्रफल में सबसे बड़े राज्य राजस्थान में अपेक्षाकृत जिलों की संख्या कम थी. कहीं-कहीं तो जिला मुख्यालय की दूरी 200 किमी से ज्यादा थी. सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने में कठिनाइयां आ रहीं थी. आज हर ढाणी तक बचत, राहत, बढ़त सुनिश्चित करते हुए बहुप्रतीक्षित नए जिलों का गठन किया गया है. इस ऐतिहासिक दिन की समस्त राजस्थानवासियों को हार्दिक बधाई."।जिलों को नोटिफाई करने में एक महीने का समय. भवन आवंटित करने, मानव संसाधन को लगाने में दो महीना. ऐसे में अस्थाई तौर पर कार्य शुरू करने में न्यूनतम तीन महीने का समय लगेगा.
जिला मुख्यालय बनाने से लेकर अन्य विभागों के कार्यालय बनाने में दो से तीन साल का समय लगेगा. जिला मुख्यालय के लिए जमीन आवंटित की जाएगी. उसके बाद भवन निर्माण के लिए ठेका दिया जाएगा, जिसके बाद कार्य शुरू होगा. इसे पूरा करने में दो से तीन साल लग जाते हैं.
आशा है इससे राजस्थान का विकास तेजी से होगा। वहां सभी लोगों को सभी संसाधन प्राप्त हो सकेंगे।
(ज्योति)