कल 22 तारीख को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। शीत लहर चल रही है पर उससे ज्यादा राम लहर है। 500 वर्षों बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। यह सिर्फ राम मंदिर की प्रतिष्ठा नहीं है वरन लोगों के हृदय में विराजतें राम का आगमन है। राम किसी पथ धर्म संप्रदाय के नहीं है वे तो पूरे विश्व के प्राण हैं। उनके भव्य मंदिर का बनना हर भारतीय के लिए सौभाग्य की बात है। इस पर कोई विरोध नहीं कोई टीका टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। राम भक्तों का उत्साह देखकर ऐसा लगता है जैसे राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अभी-अभी अयोध्या आ रहे हो। पूरी अयोध्या नगरी सजी हुई है। हर व्यक्ति उत्साह और उल्लास से राम की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की तैयारी कर रहा है। राम वह नाम है जिसने सारी दुनिया को अपनी विनम्रता सद्गुणों से बांध रखा है। राम वह नाम है जिसने सारी दुनिया को मोहित कर रखा है। अतः हमें भी पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ राम मंदिर के कार्यक्रम को मनाना चाहिए। आप सभी को इस कार्यक्रम की शुभकामनाएं।
यह किताब मेरे रोज के लेखों का संग्रह है। यह मेरे मन की आवाज है। यह मेरी लिखने की प्रेरणा है। यह मुझे मुझ को समझने में मदद करती है। लिखना मेरा पैशन है। यह मेरी खुद की पहचान है।