गणतंत्र दिवस स्कूल में बच्चों के साथ मनाना हमेशा ही खुशी और उल्लास से भर देता है। उन्हें उत्साहित खुश देखकर शायद हमें भी गणतंत्र दिवस सार्थक लगता है। झंडारोहण का कार्यक्रम, बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम, मिष्ठान वितरण, रैली सभी कार्यक्रमों में बच्चे बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इतनी अधिक ठंड, कोहरा फिर भी बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। शायद यही बच्चे तो हमारा भविष्य है। राष्ट्रीय कार्यक्रम और राष्ट्रीय पर्व पर अगर हमारे दिलों में जोश और उत्साह न हो तो लगता ही नहीं कि हम अपने संविधान बनने की खुशी मना रहे हैं। बच्चे हमारे देश के सिर्फ भविष्य नहीं बल्कि वर्तमान और कल हैं। उन्हीं के सर्वांगीण विकास पर देश और समाज का भविष्य निर्भर करता है। वे जैसा बनेंगे वैसा ही देश और समाज होगा। अतः जरूरी है कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को जाने वे अपने देश और राष्ट्र पर गर्व करें। उनका चारित्रिक और मानसिक विकास हो। तभी हमारा देश फिर से विश्व गुरु के पद पर आसीन हो सकता है सारे विश्व को दिशा दिखा सकता है। विश्व शांति और वसुधैव कुटुंबकम की भावना लेकर सारे संसार को अपने ज्ञान से प्रकाशित कर सकता है। जय हिंद जय भारत। आप सभी को गणतंत्र दिवस की एक बार बहुत सी शुभकामनाएं ।
यह किताब मेरे रोज के लेखों का संग्रह है। यह मेरे मन की आवाज है। यह मेरी लिखने की प्रेरणा है। यह मुझे मुझ को समझने में मदद करती है। लिखना मेरा पैशन है। यह मेरी खुद की पहचान है।