पीएम विश्वकर्मा योजना का फायदा बढ़ई, सोनार, मूर्तिकार और कुम्हार आदि क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को मिलेगा. इसके जरिए सरकार की कोशिश शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और साथ ही उन्हें घरेलू बाजार और वैश्विक बाजार के साथ जोड़ना है।मोदी सरकार की कैबिनेट ने विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है. 15 अगस्त को 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने इस योजना का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि इसी साल सितंबर महीने से विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojna 2023) शुरू हो जाएगी. इसके बाद 16 अगस्त को ही खबर आई कि केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में योजना को हरी झंडी दे दी गई है।इसके तहत 3 लाख रुपये तक का लोन दो किस्तों में 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को दिया जाएगा।योजना के तहत कामगार को नई स्किल्स सीखने, नए टूल्स खरीदने और बिजनेस को बढ़ाने के लिए क्रेडिट सपोर्ट दिया जाएगा. प्रत्येक कामगार को पहले चरण में 1 लाख रुपये तक लोन और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा, जिसमें केवल 5% ब्याज दर लागू होगी. इससे छोटे व्यवसायों और श्रमिकों को अपना व्यापार बढ़ाने और आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना से 30 लाख परिवारों की वित्तीय स्थिति में बड़ा परिवर्तन आएगा.।
इस योजना से पारंपरिक कार्य करने वालों के जीवन में बदलाव आएगा। उनके कार्य को सराहना मिलेगी। उन्हें अपने कार्य के लिए लोन मिलेगा। सरकार प्रशिक्षण के लिए भी फंड देगी। इससे भारत की वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा। तथा 1 वर्ग जो बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा है उसे सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलेगी। इससे बेरोजगारी में कमी आएगी। लोग भी अपने मनपसंद उत्पाद खरीद सकेंगे। यह एक सकारात्मक सोच की प्रक्रिया है।
यह किताब मेरे रोज के लेखों का संग्रह है। यह मेरे मन की आवाज है। यह मेरी लिखने की प्रेरणा है। यह मुझे मुझ को समझने में मदद करती है। लिखना मेरा पैशन है। यह मेरी खुद की पहचान है।