चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने बुधवार शाम 6.04 बजे बजे चंद्रमा की सतह पर कर रखा कदम। हमारे देश के लिए यह पल अविस्मरणीय है ।अभूतपूर्व है विकसित भारत के विकसित भारत के शंखनाद का है। यह वह घटनाएं है जिसने एक नया इतिहास रच दिया है।चांद की दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है। सबसे पहले तो सभी भारत वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं क्योंकि वे इस पल को साकार होते देख सके। उन्होंने आज एक इतिहास बनते हुए देखा। जो अपने आप में अनूठा है। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ हमारे वैज्ञानिकों ने ना केवल इतिहास रचा है बल्कि भारत को गौरवान्वित किया है। हमारा भारत अब चांद पर है यह सफलता बहुत बड़ी और प्रोत्साहित करने वाली है। चंद्रयान 3 की सफलता नहीं हमें भविष्य में और अधिक चुनौती पूर्ण अभियानों को पूरा करने का आत्मविश्वास प्रदान किया है यह वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है। इसरो की सफलता ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है इसरो ने वह कर दिखाया जिसे सबको इंतजार था। अमेरिका रूस और चीन के बाद चांद पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश है। मगर चंद्रमा के ध्रुव और अभादित्य दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला वह दुनिया का पहला देश है। हमने चंद्रयान की सफलता की कहानी बच्चों के साथ मनाई। हर एक के चेहरे पर खुशी थी उल्लास था हर एक को यह सफलता अपनी लग रही थी। हम चाहते हैं कि भारत रोज नई सफलताएं प्राप्त करें। पूरे विश्व में भारत को इस सफलता के लिए बधाई दी । भारत में मैच 615 करोड रुपए के बजट में बने अपने किफायती चंद्रयान-3 को जहां चंद्रमा पर सफलता से उतार दिया वहीं कई विज्ञान व फंतासी फिल्मों का बजट इससे अधिक रहा है। नासा ने इसरो को भ बधाई देते हुए कहा यह कड़ी मेहनत का नतीजा है। भारत के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है जब अंतरिक्ष में उसने एक लंबी छलांग लगाई है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ता भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करेगा। इस सफलता ने भारत को उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने व संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाया है। एक बार फिर से भारत के इस मिशन के लिए सभी को शुभकामनाएं। आशा करते हैं की यहां से भारत की सफलता की शुरुआत होगी तथा अंतरिक्ष के नए-नए राज हमारे सामने खुलेंगे।
यह किताब मेरे रोज के लेखों का संग्रह है। यह मेरे मन की आवाज है। यह मेरी लिखने की प्रेरणा है। यह मुझे मुझ को समझने में मदद करती है। लिखना मेरा पैशन है। यह मेरी खुद की पहचान है।