
नई दिल्लीः यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा भले ही राममंदिर के मुद्दे पर फिलहाल खामोश है, मगर सपा मुखिया मुलायम सिंह को फिर अअयोध्या का मुद्दा याद आया है। 90 के दशक के अपने शासनकाल में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने के फैसले को मुलायम सिंह ने सही करार दिया है। कहा है कि गोली न चलवाते तो मुसलमानों का देश पर से भरोसा उठ जाता। उस समय 16 कारसेवक मारे गए थे, अगर 30 जानें भी चली जातीं तो भी उन्हें कोई पछतावा नहीं होता।
क्या कहा मुलायम सिंह ने
मुलायम ने कहा कि 1990 में अयोध्या में उन्होंने देश की एकता बनाए रखने के लिए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया। गोलीबारी में 16 लोगों की मौत हो चुकी थी। अगर इसमें और जानें जातीं तो देश की एकता के लिए मंजूर था। मुलायम ने कहा कि गोली चलवाने का आदेश देने के कारण हमने मुसलमानों को देश से बाहर जाने से रोका। मुलायम ने कहा कि अयोध्या में गोली चलवाने के लिए मेरी आलोचना हुई, मुझे मानवता का हत्यारा कहा गया।
कब मुलायम ने कही यह बात
लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपने ऊपर पर लिखी पुस्तक -'बढ़ते गए साहसिक कदम' के विमोचन समारोह में मुलायम सिंह ने कारसेवकों पर गोली चलवाने को लेकर अपनी सफाई दी। किताब का विमोचन प्रख्यात गीतकार गोपालदास नीरज और कवि उदयप्रताप सिंह ने किया। मुलायम सिंह यादव ने इस दौरान यूपी की बदहाली के कारणों पर सबसे सोचने की अपील भी की।