लखनऊ : सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे आजम खां के पुत्र व स्वार से विधायक मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां ने विधानसभा चुनाव में अपनी असली उम्र छिपाने के लिए पता बदल कर फर्जी पैन कार्ड बनवाया था। नामांकन के शपथ पत्र में भी अब्दुल्ला ने आयकर रिटर्न और वार्षिक आय की गलत जानकारी दी थी। रामपुर के जिलाधिकारी ने अपनी जांच में ये तथ्य पाया है। यह रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को भेज दी गई है।
रिपोर्ट कहती है कि अब्दुल्ला ने पहला पैन कार्ड (डीएफओपीके6164के) 30 अगस्त, 2013 को घेर मीरबाज खान, जेल रोड रामपुर के पते पर बनवाया था, जबकि 24 मार्च, 2015 को बनवाए गए दूसरे पैन कार्ड (डीडब्ल्यूएपीके7513आर) के पते में फेरबदल कर इसे मकान नंबर 124 घेर मीरबाज खान घेर हसन खां तहसील सदर रामपुर कर दिया गया। पहले पैन कार्ड में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 दर्ज थी, जिसे दूसरे पैन कार्ड में बदल कर 30 सितंबर, 1990 कर दिया गया। जांच में यह शिकायत भी सही पाई गई कि नामांकन के समय पुराने पैन कार्ड की प्रति संलग्न नहीं की गई। इसी तरह नामांकन पत्र में टाइप की हुईं बाकी सूचनाओं के बीच हाथ से पैन नंबर दर्ज करने, नामांकन के प्रपत्रों में आय से संबंधित कॉलम खाली छोडऩे, नए पैन नंबर से आयकर रिटर्न दाखिल करने और उसमें 4.98 लाख रुपये आय की झूठी सूचना दर्शाने की शिकायत भी सही पाई गई हैै
जांच में इसकी भी पुष्टि हो गई है कि अब्दुल्ला ने अपने स्टेट बैंक के बचत खाते (संख्या-34341386006) से नए पैन कार्ड के लिंक होने की सूचना नामांकन के शपथ पत्र में दी थी, जबकि स्टेट बैंक से जिलाधिकारी को दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक खाते के साथ पुराना पैन कार्ड लिंक है। बैंक के पत्र के मुताबिक खाते में अब्दुल्लाह की जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 ही दर्ज है। अब्दुल्ला ने शपथ पत्र में नए पैन नंबर के साथ 2016-17 का आयकर रिटर्न फाइल करने का उल् लेख किया, लेकिन आयकर विभाग ने जांच में पाया कि ऐसा कोई रिटर्न दाखिल ही नहीं किया गया है।
रिटर्निंग अधिकारी से पूछताछ
अब्दुल्ला के शपथ पत्र को लेकर तत्कालीन रिटर्निंग अधिकारी व स्वार के एसडीएम रहे गजेंद्र कुमार से भी जवाब तलब किया कि जब इतनी खामियां थीं तो इसे स्वीकार क्यों किया गया। गजेंद्र का कहना था कि अब्दुल्ला ने नामांकन पत्र व शपथ पत्र में अपनी उम्र 26 वर्ष लिखी थी और इसकी पुष्टि के लिए आधार कार्ड व लखनऊ नगर निगम से जारी जन्म प्रमाण पत्र की प्रति लगाई थी। दूसरी तरफ इस पर की गई आपत्ति के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दाखिल किया गया। इसलिए आपत्ति निरस्त कर नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया गया।
FIR दर्ज करने की मांग
भाजपा सरकार में मंत्री रहे शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता आकाश सक्सेना ने इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से की थी। हालांकि अब्दुल्ला के चुनाव जीतने के बाद ही उम्र छिपाने को लेकर मामला दायर हो गया था। नवाब काजिम अली बनाम अब्दुल्ला का यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। इसी क्रम में अब्दुल्ला के दो पैन कार्ड होने की जानकारी पर आकाश इस मामले को आयकर विभाग और निर्वाचन आयोग ले गए थे। अब जांच रिपोर्ट में तथ्य सही पाए जाने पर आकाश ने निर्वाचन आयोग से अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता खत्म करने और उन पर जालसाजी व धोखाधड़ी करने के मामले में एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है।
अब्दुल्ला ने नहीं दिया जवाब
जांच के लिए रामपुर के जिलाधिकारी ने शिकायत करने वाले आकाश सक्सेना के अलावा स्टेट बैंक रामपुर के मुख्य शाखा प्रबंधक, आयकर अधिकारियों व तत्कालीन रिटर्निंग अधिकारी के साथ अब्दुल्ला को भी तीन अगस्त को पत्र भेजकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था। बाकी सब जगह से तथ्यात्मक जवाब आए, लेकिन अब्दुल्ला से मिले लिफाफे में उनका पक्ष नहीं था। अब्दुल्ला ने सिर्फ इतना ही लिखा कि हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है, इसलिए नोटिस का जवाब वह न्यायालय में ही देंगे। अब्दुल्ला ने यह भी लिखा कि हाईकोर्ट में मामला चलने के दौरान किसी अन्य फोरम द्वारा जांच किया जाना विधि एवं न्यायसंगत नहीं है।