नई दिल्ली- लालू यादव की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। बालू माफिया के कारण मीडिया की सुर्खियों में छाए लालू अब एक और घोटाले में फंसते नजर आ रहे हैं। जिसकी चर्चा खुद बिहार सीएम नीतीश कुमार ने की। खबर है कि 250 करोड़ के घोटाले में सीएम नीतीश किसी को भी बक्शने के मूड में नहीं हैं।
इसके साथ ही भागलपुर में भी एक बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। इस घोटाले में कई बड़े अधिकारी फंस सकते हैं। घोटाले की गंभीरता से लेते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार तुरंत एक्शन लेते हुए मामले की जांच के लिए सरकार ने अधिकारियों को जांच के लिए जहाज से भेजा है। जांच का नेतृत्व आर्थिक अपराध यूनिट के मुखिया जे एस गंगवार कर रहे थे। 250 करोड़ के घोटाले की जानकारी नीतीश कुमार ने भारत छोड़ो आंदोलन के 75वें वर्षगाँठ पर आयोजित समारोह में दी।
नीतीश कुमार ने दिया इशारा
उन्होंने कहा – ''कहां-कहां क्या हो रहा है, कितना बताएं? सिर्फ एक जिले में 250 करोड़ के जमीन घोटाले की बात सामने आ रही है। इस देश को अंग्रेजों के खिलाफ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तरह आज ‘लालच छोड़ो आंदोलन’ चलाने की जरुरत है। लालच की बात कर नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद पर निशाना साध दिया''
भागलपुर में जहाज से उतरे अधिकारी
डीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर 10.26 करोड़ रुपए निकालने का मामला हर रोज तूल पकड़ता जा रहा है। इसी संबंध में भागलपुर के तिलकामांझी थाने में इंडियन बैंक की पटलबाबू रोड शाखा और सबौर स्थित सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खिलाग जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद SIT का गठन कर दिया गया था। कहा जा रहा है कि सरकारी पैसों को फर्जी तरह से निकाला गया और यह खेल लंबे अरसे से चला आ रहा था।
जल्द जांच खत्म कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
मामले की जानकारी जब पटना में हेडक्वार्टर को मिली, तो इसके तुरंत बाद विशेष टीम भेजने का निर्णय लिया गया। आज दोपहर में सरकार के विमान से आर्थिक अपराध यूनिट के मुखिया जे एस गंगवार के नेतृत्व में बड़ी पुलिस टीम को भागलपुर में लैंड कराया। खबर है कि सीएम ने जल्द जांच खत्म कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
फंस सकते हैं कई बड़े अधिकारी
सूत्रों के अनुसार, घोटाले की जांच में कई बड़े अधिकारी फंस सकते हैं, जो पहले यहां पर तैनात थे। मिले सबूत इस बात का इशारा देते है कि अधिकारियों ने विशेष ध्यान सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड पर दिया। सरकारी पैसे को निजी स्वार्थ के कारण यहां जमा कराया जाता है। कोआपरेटिव बैंक के रूप में इसकी शुरुआत बहुत पहले मनोरमा देवी ने की थी, बाद में निधन के बाद अब इसे ए. कुमार संभाल रहे हैं। जबकि कहा जा रहा है कि इस बैंक में पैसे जमा करने का मुख्य कारण ब्याज के पैसों से निजी लाभ लेना था।