पटना : जेल से छूटकर आये आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की ख़ुशी जल्द ही गम में तब्दील हो सकती है। ख़बरों की माने तो नीतीश कुमार की सरकार मोहम्मद शहाबुद्दीन को क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत फिर जेल पहुंचा सकती हैं। बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन को पहले ही 'A टाइप' के हिस्ट्रीशीटर की लिस्ट में रखा है। बता दें की इस लिस्ट में ऐसे अपराधियों का नाम होता है जिनको लेकर कहा जाता है कि ये सुधर नहीं सकते।
सूत्रों की माने तो शहाबुददीन के जेल से छूटने के बाद नीतीश कुमार की आलोचना हो रही है क्योंकि बिहार में लालू प्रसाद यादव नीतीश के सहयोगी हैं। वहीँ शहाबुद्दीन लालू प्रसाद यादव को अपना नेता मानते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार इसको लेकर अपने मंत्रियों से बातचीत कर रहे हैं।
हालाँकि लालू प्रसाद यादव के साथ नीतीश के गठबंधन होने के कारण शहाबुद्दीन के खिलाफ 'क्राइम कंट्रोल एक्ट' लागू करना आसान नहीं होगा। इस पूरे मसले पर फैसला अब नीतीश कुमार को लेना है लेकिन शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद नीतीश के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है क्योंकि शहाबुद्दीन खुद जेल से छूटने के बाद नीतीश को मजबूरी में बना सीएम भी कह चुके हैं।