आज सावन का पहला सोमवार था। सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है। माना जाता है सावन माह के हर सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ अपने सूक्ष्म रुप में मंदिर में विराजमान रहते हैं। माना जाता है कि माँ पार्वती जी ने भगवान शंकर के लिए ही सोलह सोमवार का व्रत रखा था। इसलिए महिलाएं भी हर सावन सोमवार का व्रत रखकर भगवान भोले को प्रसन्न करती हैं। इस माह जो भी भक्त उनकी पूजा-अर्चना करता है वे उसे मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। सावन माह का धार्मिक और प्राकृतिक रूप से भी बड़ा महत्व माना जाता है। आज सुबह-सुबह जब मैं भी भोलेनाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना करने जलेश्वर मंदिर पहुंची तो वहां मुझे श्रद्धालुओं की लम्बी कतार मिली। आज सुबह मौसम सुहावना था, इसलिए कतार में भोलेनाथ का नाम जपते हुए और मंदिर के प्राकृतिक सौन्दर्य में डूबकर कब मैं बाबा भोलेनाथ के दरबार तक पहुँच गयी, पता ही नहीं चला। कुछ लोग मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक कर पूजा अर्चना कर रहे थे। सावन आते ही शहर भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ देखने को मिलती हैं। इस दौरान मंदिरों में पूजा-हवन आदि के कार्यक्रम देखकर मन को बड़ी शांति मिलती हैं।
सावन माह में शहर के कई शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना, हवन आदि के साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुये प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग निर्मित किये जाते हैं। जिनका पुजारी द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजन, अभिषेक और आरती की जाती हैं।
सावन माह में भगवान भोलेनाथ की कृपा समस्त प्राणियों पर बनी रहे, यही शुभकामनाएं हैं।