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आकाशीय बिजली गिरने की घटना की याद

11 जुलाई 2022

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इन दिनों देश के कई हिस्सों में बारिश कहर बनकर टूट रहा है। अभी दो दिन पहले शनिवार को देर रात हमारे भोपाल में भारी बारिश और बादलों की भयानक डरावनी गड़गड़ाहट के साथ कड़कती बिजली की तीखी आवाज ने नींद हराम करके रख दी थी। भयानक गड़गड़ाहट और कड़कती बिजली की आवाज सुनकर बच्चे तो बच्चे हम बड़े भी बहुत डर गए थे, क्योंकि हमने भी ऐसी भयानक डरावनी रात पहले कभी नहीं देखी थी। सुबह समाचार से पता चला कि शहर के अलग-अलग हिस्सों इस दौरान एक घंटे में 6928 जगह बिजली गिरी थी। एक घंटे में इतनी आसमानी बिजली गिरने के समाचार ने मुझे हमारे गांव की एक दुर्घटना की याद ताज़ी कर दी।    

मुझे याद है जब गाँव में बारिश का मौसम होता था तो रात तो छोड़िए दिन में भी अमावस्या की घोर काली रात से भी भयंकर अँधेरा छा जाता था और फिर जब काले-भूरे बादलों की गड़गड़ाहट के साथ जोर से बिजली कड़कती तो हम घर के अंदर दुबक जाते। पहाड़ों में बरसात के मौसम में कब आसमान खुल जाय और कब अचानक बादल धमककर बरसने लगे,  इसका कोई पूर्वानुमान नहीं लगा सकता। ऐसे ही बरसात के दिनों का एक कभी न भूलने वाला दर्दनाक हादसा मेरे जेहन में आज भी ताजा है। हमारे गांव की दो लड़कियां जिनकी उम्र  लगभग १० वर्ष रही होगी। एक दिन बरसात के मौसम में वे सुबह आसमान खुला होने पर घर से कंट्रोल का शक्कर और मिट्टी का तेल लेने बाजार गए। बाजार ५ किलोमीटर दूर था, इसलिए उन्हें बाज़ार पहुँचने में दो-तीन घंटे लग गए। शक्कर और मिट्टी के तेल लेने वालों की बड़ी भीड़ थी इसलिए उनकी बारी आने में बहुत समय लगा, जिससे दुपहर हो गई। जब वे शक्कर और मिट्टी का तेल लेकर वापस अपने घर को निकले तो रास्ते में अचानक मौसम बदल गया। खुले आसमान में काले-काले बादलों ने आकर तेजी से गरज-चमक कर अपना कब्ज़ा जमा लिया, जिससे चारों ओर अँधेरा छा गया और जोर की बारिश शुरू हो गई। यह देखकर दोनों बच्चे घबराकर रास्ते के किनारे एक निर्माणाधीन प्रायमरी स्कूल के पिलर के नीचे अलग-अलग कोने में जाकर खड़े हो गए। काफी देर तक वे बादलों और कड़कती बिजली की आवाज सुनकर सहमे-सहमे बैठे रहे, लेकिन अचानक तेज आवाज के साथ उनमें से एक लड़की के ऊपर बिजली गिरी और वह वहीँ खड़े-खड़े काली पड़ गई। बिजली की तेज आवाज और चमक से दूसरी लड़की की आंखे बंद हो गयी और वह उसके कान के परदे फट गए। थोड़ी देर के लिए वह बेहोश हो गई लेकिन जैसे ही उसे होश आया तो उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।  वह इधर-उधर देखने लगी और जैसे ही उसे अपनी सहेली का ख्याल आया तो वह बदहवास उसके पास गई। उसने जैसे ही पिलर से चिपकी काली पड़ चुकी सहेली को देखा तो उसकी चीख निकल पड़ी। उसने बड़ी हिम्मत कर जैसे ही उसे छुआ तो वह जमीन पर गिर पड़ी। वह रोती-चिल्लाती जैसे-तैसे गांव पहुँची तो सारा गांव किसी अनहोनी की आशंका से इकट्ठा हो गया। सबके पूछने पर जब उसने हाल सुनाया तो सभी लोग उस निर्माणाधीन प्राइमरी स्कूल पहुंचे तो उस लड़की की काली पड़ी मृत देह देखकर सबकी ऑंखें छलक उठी। उस लड़की को आकाशीय बिजली लील गयी और उसकी सहेली को बहरी बना गयी। वह निर्माणाधीन प्राइमरी स्कूल आज भी उसी हाल में मौजूद है, जो उन दोनों लड़कियों की त्रासदी की याद दिलाता है। आज भी जब कोई आते-जाते उस खंडहर स्कूल के सामने से गुजरता है तो उस घटना को याद कर उसके रोंगटे खड़े हो जाते है।  

लिपिका भट्टी

लिपिका भट्टी

कुदरत का प्रकोप कभी-कभी समझ से परे हो जाता है। आखिर उन बच्चियों की क्या गलती रही होगी, यही सोच सोच कर मेरा दिल दुखी हो रहा है।

5 सितम्बर 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Aapki lekhn shaili lajwab hai mem दोनों लड़कियों का ये वाकया सच रोंगटे खड़े करने जैसा ही है अच्छा लिखा आपने

2 अगस्त 2022

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रचनाएँ
वर्षा ऋतु की बातें (दैनन्दिनी-जुलाई, 2022)
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जब ग्रीष्म ऋतु में सूरज के भीषण ताप से सम्पूर्ण धरती के साथ ही जीव-जंतु झुलस कर आकुल-व्याकुल हो उठते हैं तब समस्त जीव-जगत को वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा रहती है और जैसे ही आकाश में बादल आकर बरसते हैं तो झुलसी, मुरझाई धरती और जीव-जगत में नवजीवन संचरित हो उठता है। वर्षा की फुहार पड़ते ही प्रकृति अपना यौवन प्राप्त कर लेती है और जीव जगत को जीवन का आधार जल मिलता है, तो उनका मन भी प्रफुल्लित हो उठता है। वर्षा ऋतु के सुखद और भयावह दोनों रूप हमें देखने को मिलते हैं। इसी सन्दर्भ में कुछ बातें जुलाई माह की इस दैनंदिनी में आपको देखने-पढ़ने को मिलेंगी।
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वर्षा ऋतु में आहार-विहार

4 जुलाई 2022
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वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि मंद रहती है, जिसके कारण पाचनशक्ति कम हो जाने से अजीर्ण, बुखार, वायुदोष का प्

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नगरीय निकाय और कोचिंग चुनाव का एक दिन

7 जुलाई 2022
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कल बुधवार को नगर निगम चुनाव का मतदान दिवस था, जिसके लिए शासकीय अवकाश घोषित किया गया था। पिछले तीन-चार दिन तेज बारिश का दौर चल पड़ा था, जिस कारण बुधवार को मतदान के लिए कई जनप्रतिनिधि और उम्मीदवार बड़

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वर्षा का भयावाह रूप है अतिवृष्टि

8 जुलाई 2022
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मेरी एक सहेली अभी दो दिन पूर्व अमरनाथ यात्रा पर निकली है। आज शाम करीब 5.30 बजे जब अमरनाथ में बादल फटने की जानकारी मिली तो तब से बहुत परेशान हूँ। ऑफिस से घर आकर कई बार मोबाइल लगा चुकी हूँ लेकिन लग नहीं

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आकाशीय बिजली गिरने की घटना की याद

11 जुलाई 2022
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इन दिनों देश के कई हिस्सों में बारिश कहर बनकर टूट रहा है। अभी दो दिन पहले शनिवार को देर रात हमारे भोपाल में भारी बारिश और बादलों की भयानक डरावनी गड़गड़ाहट के साथ कड़कती बिजली की तीखी आवाज ने नींद हराम कर

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मर्यादा में ही सब अच्छे, पानी हो या कि हवा

13 जुलाई 2022
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ग्रीष्मकाल आया तो सूरज की तपन से समस्त प्राणी आकुल-व्याकुल हो उठे। खेत-खलियान मुरझाने और फसल कुम्हालाने लगी। घास सूखने और फूलों का सौन्दर्य-सुगंध तिरोहित होने लगा।  दुपहरी की तपन से छोटे-बड़े पेड़-

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आओ हम सब झूला झूलें पेंग बढ़ाकर नभ को छू लें

14 जुलाई 2022
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सावन आते ही कभी धूप तो कभी मूसलाधार बारिश से मौसम बड़ा सुहावना हो गया है। झमाझम बरसते बदरा को देख हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच छुपी कोयल की मधुर कूक, आसमान से जमीं तक पहुँचती इन्द्रधनुषी सप्तरंगी छटा,

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हरियाली का पर्व है हरेला

17 जुलाई 2022
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इन दिनों हमारे पहाड़ी प्रदेश उत्‍तराखंड में हरेला पर्व की धूम मची है। यह पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है। हरेला का मतलब हरियाली से है, यानि हरियाली का त्यौहार। ग्रीष्म के बाद वर्षा ऋतु के आगमन से प्

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बाबा भोलेनाथ का पहला सावन सोमवार

18 जुलाई 2022
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आज सावन का पहला सोमवार था। सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है।   माना जाता है सावन माह के हर सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ अपने सूक्ष्म रुप में मंदिर में विराजमान रहते हैं। माना जाता है

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बारिश से गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें दुर्घटना का कारण बनते हैं

21 जुलाई 2022
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आज शाम को जैसे ही ऑफिस से घर निकल रही थी तो अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी।  जब काफी देर तक बारिश बंद नहीं हुई तो अँधेरा होता देख मैंने बरसाती पहनी और घर को को निकल पड़ी। तेज बारिश के कारण जगह-जगह सड़क पर

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एक चिर-प्रतीक्षित परीक्षा परिणाम की सुखद अनुभूति के क्षण

22 जुलाई 2022
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आज लम्बे अंतराल की प्रतीक्षा के बाद सीबीएसई द्वारा 12वीं और १०वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। बच्चों की परीक्षा खत्म हुए एक माह से भी अधिक समय बीत चुका था। लाखों छात्र-छात्राओं के साथ अभिभा

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वह सर्पाकार पहाड़ी नदी

24 जुलाई 2022
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आज छुट्टी का दिन था।  सुबह जरा देर से जागना हुआ।  सावन का महीना चल रहा है।  रिमझिम बारिश हो रही थी। भोलेनाथ के दर्शन हेतु मंदिर भी जाना था, इसलिए सबसे पहले नहाना-धोना किया और उसके बाद मंदिर पहुँची

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आफत की बारिश

26 जुलाई 2022
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पिछले तीन दिन से हमारे भोपाल में तेज बारिश होने से शहर का मिजाज पानी-पानी हो गया है। लगातार हो रही बारिश से सीहोर से निकलकर बड़े तालाब तक पहुँचने वाली कोलांस नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने पर भदभदा से

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बारिश में रोऊँ की हँसूं करूँ तो क्या करूँ

27 जुलाई 2022
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आज सुबह जब ऑफिस को निकली तो लगा जैसे बारिश ने छुट्टी ले रखी हो।  अपनी एक्टिवा से सड़क पर धीरे-धीरे चलते हुए सोच रही थी कि चलो कम से कम से हर दिन की बारिश की किचपिच से राहत तो मिली। लेकिन मेरा सोचना

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हरियाली अमावस्या और पौधरोपण

28 जुलाई 2022
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आज सुबह-सुबह दरवाजे के घंटी बजी तो देखा कि हमारे पड़ोस की बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला खड़ी थी। उसे देखकर मैंने उसे बैठने को कहा तो वे कहने लगी कि वह नहा-धोकर सीधे हमारे घर आयी है, फुर्सत में कभी

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वर्टिकल गार्डन और पेड़-पौधे चोर

30 जुलाई 2022
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बरसात का मौसम आते ही शासन स्तर से लेकर कई सामाजिक संस्था, समाचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों को पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। क्योंकि पेड़-पौधे लगाने के लिए बरसात का समय सर्वथा उपयु

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