आज शाम को जैसे ही ऑफिस से घर निकल रही थी तो अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी। जब काफी देर तक बारिश बंद नहीं हुई तो अँधेरा होता देख मैंने बरसाती पहनी और घर को को निकल पड़ी। तेज बारिश के कारण जगह-जगह सड़क पर पानी भरा हुआ था। जैसे-तैसे मैं भीगते-भागते अपनी एक्टिवा से धीरे-धीरे पानी से भरी सड़क और गड्ढों से बचते-बचते अभी थोड़े दूर ही चली थी कि मोड़ पर एक लड़का बड़ी तेजी से आया और मेरे मुँह के आगे बाइक से जोर का पानी उछालते हुए आगे बढ़ा ही था कि लबालब पानी भरे गड्ढ़े में नियंत्रित होकर गिर पड़ा। एकाएक यह देखकर मैं घबरा गयी। जब तक मैं अपनी गाड़ी सड़क किनारे करने बैठी तब तक मेरे पीछे आने वाले उसके साथियों ने उसे और उसकी बाइक को किनारे कर दिया। मैंने देखा कि उसके साथी उसे समझा रहे थे कि उसे इतनी तेजी से बरसात में बाइक नहीं चलानी चाहिए। वह तो उसकी किस्मत अच्छी थी कि सड़क पर पानी होने से लोग धीरे-धीरे चल रहे थे, नहीं तो कोई भी बड़ा हादसा होते देर नहीं लगती। खैर उसे ज्यादा चोट नहीं लगी थी तो मुझे बड़ी राहत मिली। आजकल के बच्चे जिस तरह से बाइक को हवाई जहाज समझकर चलाते हैं उससे मुझे बड़ा डर लगता है। आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं, फिर भी बच्चे न तो उसे गंभीरता से लेते हैं और नहीं कोई सबक लेते हैं, जो कि बड़ी चिंता का विषय है।
बरसात में एक तरफ वाहन तेज चलाने वालों से बड़ा सावधान रहता पड़ता है तो दूसरी तरफ जगह-जगह सड़क पर गड्ढों के कारण उनमें पानी भरने से गिरने से भी बचना पड़ता है। बरसात में सड़कों का जहाँ देखों वहीँ बुरा हाल दिखाई देता हैं। यह बात मेरी समझ से हमेशा परे रहती है कि जो सड़कें दो-चार माह पहले नई दुल्हन की तरह प्यारी लगती हैं, वे क्यों बरसात आते ही इतनी बूढ़ी हो जाती हैं कि उन्हें कोई भी फूटी आंख देखना पसंद नहीं करता। वीआईपी एरिया को छोड़ दें तो मुझे कभी भी बरसात आते ही कहीं भी बिना गड्ढों की सड़क नज़र नहीं आती हैं, जिनमें आये दिन कोई न छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होने के बावजूद भी कोई सुधार का सबक नज़र नहीं आता। क्या आपके शहर में भी बारिश होते ही सड़कें गड्ढों में तब्दील हो जाती और उनका ही ऐसा ही कुछ हाल आपको देखने को मिलता है? जरूर न भूलना