shabd-logo

बारिश से गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें दुर्घटना का कारण बनते हैं

21 जुलाई 2022

36 बार देखा गया 36

आज शाम को जैसे ही ऑफिस से घर निकल रही थी तो अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी।  जब काफी देर तक बारिश बंद नहीं हुई तो अँधेरा होता देख मैंने बरसाती पहनी और घर को को निकल पड़ी। तेज बारिश के कारण जगह-जगह सड़क पर पानी भरा हुआ था। जैसे-तैसे मैं भीगते-भागते अपनी एक्टिवा से धीरे-धीरे पानी से भरी सड़क और गड्ढों से बचते-बचते अभी थोड़े दूर ही चली थी कि मोड़ पर एक लड़का बड़ी तेजी से आया और मेरे मुँह के आगे बाइक से जोर का  पानी उछालते हुए आगे बढ़ा ही था कि लबालब पानी भरे गड्ढ़े में नियंत्रित होकर गिर पड़ा। एकाएक यह देखकर मैं घबरा गयी।  जब तक मैं अपनी गाड़ी सड़क  किनारे करने बैठी तब तक मेरे पीछे आने वाले उसके साथियों ने उसे और उसकी बाइक को किनारे कर दिया। मैंने देखा कि उसके साथी उसे समझा रहे थे कि उसे इतनी तेजी से बरसात में बाइक नहीं चलानी चाहिए। वह तो उसकी किस्मत अच्छी थी कि सड़क पर पानी होने से लोग धीरे-धीरे चल रहे थे, नहीं तो कोई भी बड़ा हादसा होते देर नहीं लगती। खैर उसे ज्यादा चोट नहीं लगी थी तो मुझे बड़ी राहत मिली। आजकल के बच्चे जिस तरह से बाइक को हवाई जहाज समझकर चलाते हैं उससे मुझे बड़ा डर लगता है।  आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं, फिर भी बच्चे न तो उसे गंभीरता से लेते हैं और नहीं कोई सबक लेते हैं, जो कि बड़ी चिंता का विषय है।

बरसात में एक तरफ वाहन तेज चलाने वालों से बड़ा सावधान रहता पड़ता है तो दूसरी तरफ जगह-जगह सड़क पर गड्ढों के कारण उनमें पानी भरने से गिरने से भी बचना पड़ता है। बरसात में सड़कों का जहाँ देखों वहीँ बुरा हाल दिखाई देता हैं। यह बात मेरी समझ से हमेशा परे रहती है कि जो सड़कें दो-चार माह पहले  नई दुल्हन की तरह प्यारी लगती हैं, वे क्यों बरसात आते ही इतनी बूढ़ी हो जाती हैं कि उन्हें कोई भी फूटी आंख देखना पसंद नहीं करता। वीआईपी एरिया को छोड़ दें तो मुझे कभी भी बरसात आते ही कहीं भी बिना गड्ढों की सड़क नज़र नहीं आती हैं, जिनमें आये दिन कोई न छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होने के बावजूद भी कोई सुधार का सबक नज़र नहीं आता।  क्या आपके शहर में भी बारिश होते ही सड़कें गड्ढों में तब्दील  हो जाती और उनका ही ऐसा ही कुछ हाल आपको  देखने को  मिलता है?  जरूर न भूलना 

15
रचनाएँ
वर्षा ऋतु की बातें (दैनन्दिनी-जुलाई, 2022)
5.0
जब ग्रीष्म ऋतु में सूरज के भीषण ताप से सम्पूर्ण धरती के साथ ही जीव-जंतु झुलस कर आकुल-व्याकुल हो उठते हैं तब समस्त जीव-जगत को वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा रहती है और जैसे ही आकाश में बादल आकर बरसते हैं तो झुलसी, मुरझाई धरती और जीव-जगत में नवजीवन संचरित हो उठता है। वर्षा की फुहार पड़ते ही प्रकृति अपना यौवन प्राप्त कर लेती है और जीव जगत को जीवन का आधार जल मिलता है, तो उनका मन भी प्रफुल्लित हो उठता है। वर्षा ऋतु के सुखद और भयावह दोनों रूप हमें देखने को मिलते हैं। इसी सन्दर्भ में कुछ बातें जुलाई माह की इस दैनंदिनी में आपको देखने-पढ़ने को मिलेंगी।
1

वर्षा ऋतु में आहार-विहार

4 जुलाई 2022
20
14
3

वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि मंद रहती है, जिसके कारण पाचनशक्ति कम हो जाने से अजीर्ण, बुखार, वायुदोष का प्

2

नगरीय निकाय और कोचिंग चुनाव का एक दिन

7 जुलाई 2022
8
6
3

कल बुधवार को नगर निगम चुनाव का मतदान दिवस था, जिसके लिए शासकीय अवकाश घोषित किया गया था। पिछले तीन-चार दिन तेज बारिश का दौर चल पड़ा था, जिस कारण बुधवार को मतदान के लिए कई जनप्रतिनिधि और उम्मीदवार बड़

3

वर्षा का भयावाह रूप है अतिवृष्टि

8 जुलाई 2022
5
4
1

मेरी एक सहेली अभी दो दिन पूर्व अमरनाथ यात्रा पर निकली है। आज शाम करीब 5.30 बजे जब अमरनाथ में बादल फटने की जानकारी मिली तो तब से बहुत परेशान हूँ। ऑफिस से घर आकर कई बार मोबाइल लगा चुकी हूँ लेकिन लग नहीं

4

आकाशीय बिजली गिरने की घटना की याद

11 जुलाई 2022
7
6
2

इन दिनों देश के कई हिस्सों में बारिश कहर बनकर टूट रहा है। अभी दो दिन पहले शनिवार को देर रात हमारे भोपाल में भारी बारिश और बादलों की भयानक डरावनी गड़गड़ाहट के साथ कड़कती बिजली की तीखी आवाज ने नींद हराम कर

5

मर्यादा में ही सब अच्छे, पानी हो या कि हवा

13 जुलाई 2022
4
4
0

ग्रीष्मकाल आया तो सूरज की तपन से समस्त प्राणी आकुल-व्याकुल हो उठे। खेत-खलियान मुरझाने और फसल कुम्हालाने लगी। घास सूखने और फूलों का सौन्दर्य-सुगंध तिरोहित होने लगा।  दुपहरी की तपन से छोटे-बड़े पेड़-

6

आओ हम सब झूला झूलें पेंग बढ़ाकर नभ को छू लें

14 जुलाई 2022
11
9
1

सावन आते ही कभी धूप तो कभी मूसलाधार बारिश से मौसम बड़ा सुहावना हो गया है। झमाझम बरसते बदरा को देख हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच छुपी कोयल की मधुर कूक, आसमान से जमीं तक पहुँचती इन्द्रधनुषी सप्तरंगी छटा,

7

हरियाली का पर्व है हरेला

17 जुलाई 2022
5
4
3

इन दिनों हमारे पहाड़ी प्रदेश उत्‍तराखंड में हरेला पर्व की धूम मची है। यह पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है। हरेला का मतलब हरियाली से है, यानि हरियाली का त्यौहार। ग्रीष्म के बाद वर्षा ऋतु के आगमन से प्

8

बाबा भोलेनाथ का पहला सावन सोमवार

18 जुलाई 2022
9
7
2

आज सावन का पहला सोमवार था। सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है।   माना जाता है सावन माह के हर सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ अपने सूक्ष्म रुप में मंदिर में विराजमान रहते हैं। माना जाता है

9

बारिश से गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें दुर्घटना का कारण बनते हैं

21 जुलाई 2022
4
3
0

आज शाम को जैसे ही ऑफिस से घर निकल रही थी तो अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी।  जब काफी देर तक बारिश बंद नहीं हुई तो अँधेरा होता देख मैंने बरसाती पहनी और घर को को निकल पड़ी। तेज बारिश के कारण जगह-जगह सड़क पर

10

एक चिर-प्रतीक्षित परीक्षा परिणाम की सुखद अनुभूति के क्षण

22 जुलाई 2022
16
16
4

आज लम्बे अंतराल की प्रतीक्षा के बाद सीबीएसई द्वारा 12वीं और १०वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। बच्चों की परीक्षा खत्म हुए एक माह से भी अधिक समय बीत चुका था। लाखों छात्र-छात्राओं के साथ अभिभा

11

वह सर्पाकार पहाड़ी नदी

24 जुलाई 2022
6
5
1

आज छुट्टी का दिन था।  सुबह जरा देर से जागना हुआ।  सावन का महीना चल रहा है।  रिमझिम बारिश हो रही थी। भोलेनाथ के दर्शन हेतु मंदिर भी जाना था, इसलिए सबसे पहले नहाना-धोना किया और उसके बाद मंदिर पहुँची

12

आफत की बारिश

26 जुलाई 2022
8
8
0

पिछले तीन दिन से हमारे भोपाल में तेज बारिश होने से शहर का मिजाज पानी-पानी हो गया है। लगातार हो रही बारिश से सीहोर से निकलकर बड़े तालाब तक पहुँचने वाली कोलांस नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने पर भदभदा से

13

बारिश में रोऊँ की हँसूं करूँ तो क्या करूँ

27 जुलाई 2022
3
3
0

आज सुबह जब ऑफिस को निकली तो लगा जैसे बारिश ने छुट्टी ले रखी हो।  अपनी एक्टिवा से सड़क पर धीरे-धीरे चलते हुए सोच रही थी कि चलो कम से कम से हर दिन की बारिश की किचपिच से राहत तो मिली। लेकिन मेरा सोचना

14

हरियाली अमावस्या और पौधरोपण

28 जुलाई 2022
7
6
2

आज सुबह-सुबह दरवाजे के घंटी बजी तो देखा कि हमारे पड़ोस की बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला खड़ी थी। उसे देखकर मैंने उसे बैठने को कहा तो वे कहने लगी कि वह नहा-धोकर सीधे हमारे घर आयी है, फुर्सत में कभी

15

वर्टिकल गार्डन और पेड़-पौधे चोर

30 जुलाई 2022
12
11
0

बरसात का मौसम आते ही शासन स्तर से लेकर कई सामाजिक संस्था, समाचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों को पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। क्योंकि पेड़-पौधे लगाने के लिए बरसात का समय सर्वथा उपयु

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए