shabd-logo

वर्षा ऋतु में आहार-विहार

4 जुलाई 2022

71 बार देखा गया 71

वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि मंद रहती है, जिसके कारण पाचनशक्ति कम हो जाने से अजीर्ण, बुखार, वायुदोष का प्रकोप, सर्दी, खाँसी, पेट के रोग, कब्जियत, अतिसार, प्रवाहिका, आमवात, संधिवात आदि रोग होने की संभावना रहती है।

इन रोगों से बचने के लिए तथा पेट की पाचक अग्नि को सँभालने के लिए आयुर्वेद के अनुसार उपवास तथा लघु भोजन हितकर है। इसलिए हमारे आर्षदृष्टा ऋषि-मुनियों ने इस ऋतु में अधिक-से-अधिक उपवास का संकेत कर धर्म के द्वारा शरीर के स्वास्थ्य का ध्यान रखा है।

इस ऋतु में जल की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। जल द्वारा उत्पन्न होने वाले उदर-विकार, अतिसार, प्रवाहिका एवं हैजा जैसी बीमारियों से बचने के लिए पानी को उबालें, आधा जल जाने पर उतार कर ठंडा होने दें, तत्पश्चात् हिलाये बिना ही ऊपर का पानी दूसरे बर्तन में भर दें एवं उसी पानी का सेवन करें। जल को उबालकर ठंडा करके पीना सर्वश्रेष्ठ उपाय है। आजकल पानी को शुद्ध करने हेतु विविध फिल्टर भी प्रयुक्त किये जाते हैं। उनका भी उपयोग कर सकते हैं। पीने के लिए और स्नान के लिए गंदे पानी का प्रयोग बिल्कुल न करें क्योंकि गंदे पानी के सेवन से उदर व त्वचा सम्बन्धी व्याधियाँ पैदा हो जाती हैं। 500 ग्राम हरड़ और 50 ग्राम सेंधा नमक का मिश्रण बनाकर प्रतिदिन 5-6 ग्राम लेना चाहिए।

पथ्य आहार: इस ऋतु में वात की वृद्धि होने के कारण उसे शांत करने के लिए मधुर, अम्ल व लवण रसयुक्त, हलके व शीघ्र पचने वाले तथा वात का शमन करने वाले पदार्थों एवं व्यंजनों से युक्त आहार लेना चाहिए। सब्जियों में मेथी, सहिजन, परवल, लौकी, सरगवा, बथुआ, पालक एवं सूरन हितकर हैं। सेवफल, मूँग, गरम दूध, लहसुन, अदरक, सोंठ, अजवायन, साठी के चावल, पुराना अनाज, गेहूँ, चावल, जौ, खट्टे एवं खारे पदार्थ, दलिया, शहद, प्याज, गाय का घी, तिल एवं सरसों का तेल, महुए का अरिष्ट, अनार, द्राक्ष का सेवन लाभदायी है। पूरी, पकोड़े तथा अन्य तले हुए एवं गरम तासीरवाले खाद्य पदार्थों का सेवन अत्यंत कम कर दें।

अपथ्य आहार: गरिष्ठ भोजन, उड़द, अरहर, चौला आदि दालें, नदी, तालाब एवं कुएँ का बिना उबाला हुआ पानी, मैदे की चीजें, ठंडे पेय, आइसक्रीम, मिठाई, केला, मट्ठा, अंकुरित अनाज, पत्तियों वाली सब्जियाँ नहीं खाना चाहिए तथा देवशयनी एकादशी के बाद आम नहीं खाना चाहिए।

पथ्य विहार: अंगमर्दन, उबटन, स्वच्छ हलके वस्त्र पहनना योग्य है।

अपथ्य विहार: अति व्यायाम, स्त्रीसंग, दिन में सोना, रात्रि जागरण, बारिश में भीगना, नदी में तैरना, धूप में बैठना, खुले बदन घूमना त्याज्य है।

इस ऋतु में वातावरण में नमी रहने के कारण शरीर की त्वचा ठीक से नहीं सूखती। अतः त्वचा स्वच्छ, सूखी व स्निग्ध बनी रहे। इसका उपाय करें ताकि त्वचा के रोग पैदा न हों। इस ऋतु में घरों के आस-पास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें, जिससे मच्छरों से बचाव हो सके।

इस ऋतु में त्वचा के रोग, मलेरिया, टायफायड व पेट के रोग अधिक होते हैं। अतः खाने पीने की सभी वस्तुओं को मक्खियों एवं कीटाणुओं से बचायें व उन्हें साफ करके ही प्रयोग में लें। बाजारू दही व लस्सी का सेवन न करें।

चातुर्मास में आँवले और तिल के मिश्रण को पानी में डालकर स्नान करने से दोष निवृत्त होते हैं।

लिपिका भट्टी

लिपिका भट्टी

बहुत ही उपयोगी बातें आपने कम शब्दों में बताई। आजकल के आधुनिक युग में, हमें इन बातों का ज्ञान ना होने के कारण अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। उम्मीद करती हूं आप की यह किताब इस आधुनिक समय में सबका मार्गदर्शन करेगी।

5 सितम्बर 2022

वीरेंद्र कुमार गुप्ता

वीरेंद्र कुमार गुप्ता

बहुत ही लाभदायक tips बड़े सुंदर भाषा में प्रस्तुत किए गए है। नमन। वीरेंद्र

2 अगस्त 2022

anupama verma

anupama verma

बहुत सुंदर प्रस्तुति

4 जुलाई 2022

15
रचनाएँ
वर्षा ऋतु की बातें (दैनन्दिनी-जुलाई, 2022)
5.0
जब ग्रीष्म ऋतु में सूरज के भीषण ताप से सम्पूर्ण धरती के साथ ही जीव-जंतु झुलस कर आकुल-व्याकुल हो उठते हैं तब समस्त जीव-जगत को वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा रहती है और जैसे ही आकाश में बादल आकर बरसते हैं तो झुलसी, मुरझाई धरती और जीव-जगत में नवजीवन संचरित हो उठता है। वर्षा की फुहार पड़ते ही प्रकृति अपना यौवन प्राप्त कर लेती है और जीव जगत को जीवन का आधार जल मिलता है, तो उनका मन भी प्रफुल्लित हो उठता है। वर्षा ऋतु के सुखद और भयावह दोनों रूप हमें देखने को मिलते हैं। इसी सन्दर्भ में कुछ बातें जुलाई माह की इस दैनंदिनी में आपको देखने-पढ़ने को मिलेंगी।
1

वर्षा ऋतु में आहार-विहार

4 जुलाई 2022
20
14
3

वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि मंद रहती है, जिसके कारण पाचनशक्ति कम हो जाने से अजीर्ण, बुखार, वायुदोष का प्

2

नगरीय निकाय और कोचिंग चुनाव का एक दिन

7 जुलाई 2022
8
6
3

कल बुधवार को नगर निगम चुनाव का मतदान दिवस था, जिसके लिए शासकीय अवकाश घोषित किया गया था। पिछले तीन-चार दिन तेज बारिश का दौर चल पड़ा था, जिस कारण बुधवार को मतदान के लिए कई जनप्रतिनिधि और उम्मीदवार बड़

3

वर्षा का भयावाह रूप है अतिवृष्टि

8 जुलाई 2022
5
4
1

मेरी एक सहेली अभी दो दिन पूर्व अमरनाथ यात्रा पर निकली है। आज शाम करीब 5.30 बजे जब अमरनाथ में बादल फटने की जानकारी मिली तो तब से बहुत परेशान हूँ। ऑफिस से घर आकर कई बार मोबाइल लगा चुकी हूँ लेकिन लग नहीं

4

आकाशीय बिजली गिरने की घटना की याद

11 जुलाई 2022
7
6
2

इन दिनों देश के कई हिस्सों में बारिश कहर बनकर टूट रहा है। अभी दो दिन पहले शनिवार को देर रात हमारे भोपाल में भारी बारिश और बादलों की भयानक डरावनी गड़गड़ाहट के साथ कड़कती बिजली की तीखी आवाज ने नींद हराम कर

5

मर्यादा में ही सब अच्छे, पानी हो या कि हवा

13 जुलाई 2022
4
4
0

ग्रीष्मकाल आया तो सूरज की तपन से समस्त प्राणी आकुल-व्याकुल हो उठे। खेत-खलियान मुरझाने और फसल कुम्हालाने लगी। घास सूखने और फूलों का सौन्दर्य-सुगंध तिरोहित होने लगा।  दुपहरी की तपन से छोटे-बड़े पेड़-

6

आओ हम सब झूला झूलें पेंग बढ़ाकर नभ को छू लें

14 जुलाई 2022
11
9
1

सावन आते ही कभी धूप तो कभी मूसलाधार बारिश से मौसम बड़ा सुहावना हो गया है। झमाझम बरसते बदरा को देख हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच छुपी कोयल की मधुर कूक, आसमान से जमीं तक पहुँचती इन्द्रधनुषी सप्तरंगी छटा,

7

हरियाली का पर्व है हरेला

17 जुलाई 2022
5
4
3

इन दिनों हमारे पहाड़ी प्रदेश उत्‍तराखंड में हरेला पर्व की धूम मची है। यह पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है। हरेला का मतलब हरियाली से है, यानि हरियाली का त्यौहार। ग्रीष्म के बाद वर्षा ऋतु के आगमन से प्

8

बाबा भोलेनाथ का पहला सावन सोमवार

18 जुलाई 2022
9
7
2

आज सावन का पहला सोमवार था। सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है।   माना जाता है सावन माह के हर सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ अपने सूक्ष्म रुप में मंदिर में विराजमान रहते हैं। माना जाता है

9

बारिश से गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें दुर्घटना का कारण बनते हैं

21 जुलाई 2022
4
3
0

आज शाम को जैसे ही ऑफिस से घर निकल रही थी तो अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी।  जब काफी देर तक बारिश बंद नहीं हुई तो अँधेरा होता देख मैंने बरसाती पहनी और घर को को निकल पड़ी। तेज बारिश के कारण जगह-जगह सड़क पर

10

एक चिर-प्रतीक्षित परीक्षा परिणाम की सुखद अनुभूति के क्षण

22 जुलाई 2022
16
16
4

आज लम्बे अंतराल की प्रतीक्षा के बाद सीबीएसई द्वारा 12वीं और १०वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। बच्चों की परीक्षा खत्म हुए एक माह से भी अधिक समय बीत चुका था। लाखों छात्र-छात्राओं के साथ अभिभा

11

वह सर्पाकार पहाड़ी नदी

24 जुलाई 2022
6
5
1

आज छुट्टी का दिन था।  सुबह जरा देर से जागना हुआ।  सावन का महीना चल रहा है।  रिमझिम बारिश हो रही थी। भोलेनाथ के दर्शन हेतु मंदिर भी जाना था, इसलिए सबसे पहले नहाना-धोना किया और उसके बाद मंदिर पहुँची

12

आफत की बारिश

26 जुलाई 2022
8
8
0

पिछले तीन दिन से हमारे भोपाल में तेज बारिश होने से शहर का मिजाज पानी-पानी हो गया है। लगातार हो रही बारिश से सीहोर से निकलकर बड़े तालाब तक पहुँचने वाली कोलांस नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने पर भदभदा से

13

बारिश में रोऊँ की हँसूं करूँ तो क्या करूँ

27 जुलाई 2022
3
3
0

आज सुबह जब ऑफिस को निकली तो लगा जैसे बारिश ने छुट्टी ले रखी हो।  अपनी एक्टिवा से सड़क पर धीरे-धीरे चलते हुए सोच रही थी कि चलो कम से कम से हर दिन की बारिश की किचपिच से राहत तो मिली। लेकिन मेरा सोचना

14

हरियाली अमावस्या और पौधरोपण

28 जुलाई 2022
7
6
2

आज सुबह-सुबह दरवाजे के घंटी बजी तो देखा कि हमारे पड़ोस की बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला खड़ी थी। उसे देखकर मैंने उसे बैठने को कहा तो वे कहने लगी कि वह नहा-धोकर सीधे हमारे घर आयी है, फुर्सत में कभी

15

वर्टिकल गार्डन और पेड़-पौधे चोर

30 जुलाई 2022
12
11
0

बरसात का मौसम आते ही शासन स्तर से लेकर कई सामाजिक संस्था, समाचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों को पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। क्योंकि पेड़-पौधे लगाने के लिए बरसात का समय सर्वथा उपयु

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए