पिछले तीन दिन से हमारे भोपाल में तेज बारिश होने से शहर का मिजाज पानी-पानी हो गया है। लगातार हो रही बारिश से सीहोर से निकलकर बड़े तालाब तक पहुँचने वाली कोलांस नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने पर भदभदा से सभी ११ गेट खोलने पड़े। गेट खोलने से पहले जिला प्रशासन ने डूब क्षेत्र में आने वाले सैकड़ों घरों और झुगियों को खाली कराकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की मशक्कत की। पहली बार एक साथ तेज बारिश के चलते भदभदा के साथ ही कलियासोत, कोलार और केरवा डैम के गेट खोलने पड़े। बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त है। नदी-नाले उफान पर है। जगह-जगह सड़कें टूटने से आवागमन बुरी तरह बाधित हो गया है। छोटी-बड़ी नदियां-नर्मदा, बेतवा, तवा, ताप्ती उफान पर हैं। ताल-तलैया, डैम भर चुके हैं, जिससे उनसे पानी छोड़ा जा रहा है, जो कई लोगों के लिए आफत बनी हुई है। गांव-शहर की गलियाँ-मोहल्ले, सड़कें पानी में डूबी हैं, जिसने लोगों का खाना-पीना, सोना-जागना दुश्वार कर रखा है।
आज जब सुबह जब ऑफिस को निकली तो रंगमहल चौराहे की सड़क धंसी मिली, जिसे पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर बंद कर रखा था। भारी बारिश से शहर के मुख्य सड़क की दुर्दशा देखकर सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि यदि शहरों में सड़कों का ये हाल है तो ग्रामीण इलाकों में क्या होगा? शहर में जल भराव की यह स्थिति भी देखने को मिलती है कि कई स्थानों में बिजली के ट्रांसफार्मर तक डूब गए हैं, जिससे घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।