नई दिल्लीः अगर सब कुछ ठीक रहा तो बाबा रामदेव और लालू प्रसाद यादव जल्द एक दूसरे के समधी हो सकते हैं। सियासी गलियारे में यह चर्चा तेज है कि योगगुरु और लालू प्रसाद यादव के परिवारों के बीच रिश्ते की बात चल रही है। कहा जा रहा है कि बाबा रामदेव की भतीजी की शादी लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव से होने वाली है। यह चर्चा तब से तेज हो चली है जब से बाबा रामदेव ने लालू के दामाद को अपने उत्पादों के लिए बिहार का सीएनएफ नियुक्त किया है। एक और भाजपा नेता भूपेंद्र यादव भी लालू के छोटे बेटे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से बेटी का रिश्ता करने की तैयारी में हैं। दरअसल रामदेव यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं। रिश्ते के पीछे यही जाति का कनेक्शन बताया जा रहा है।
जब लालू के घर पहुंचकर गाल पर रामदेव ने किया था मसाज
कुछ महीने पहले बाबा रामदेव पटना स्थित लालू यादव के घर पतंजलि के सामान लेकर पहुंचे थे। इस दौरान रामदेव ने पतंजलि की क्रीम से कैमरे के सामने लालू के गाल पर मसाज कर चुटकी ली कि लालू का गालू बड़ा चमक रहा है। इससे पहले लालू यादव जहां बाबा रामदेव के उत्पादों की खूब आलोचना करते थे उस दिन उनके सुर बदले-बदले नजर आए थे। कैमरे के सामने ही उन्होंने पतंजलि उत्पादों को हाथ में लेकर सबको उसका इस्तेमाल करने की सलाह भी देकर पतंजलि का ब्रांडे अंबेसडर बने नजर आए। तब से लालू और बाबा रामदेव के बीच नजदीकियां और बढ़नी शुरू हुईं।
तेजस्वी यादव संघ मुख्यालय जाकर ले चुके हैं आशीर्वाद
सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेता भूपेंद्र यादव के कहने पर कुछ दिन पहले लालू के उपमुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी यादव संघ मुख्यालय जाकर लोगों का आशीर्वाद ले चुके हैं। इसके खास सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर यूपी में भाजपा सत्ता में आती है तो बिहार में महागठबंधन कमजोर हो सकता है। लालू और नीतीश में न पटने की खबरें आ रही हैं। वजह कि लालू अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद पर बैठाने की तैयारी में हैं। इसके लिए वे राजद को भाजपा का भी सहारा लेने से गुरेज नहीं हैं। हालांकि भाजपा की पींगें इस समय नीतीश की पार्टी जदयू से ज्यादा बढ़ रहीं हैं। ऐसे में इस बात को सियासी गलियारे में खारिज किया जा रहा है कि भाजपा नीतीश के अलग होने पर लालू यादव की पार्टी को सपोर्ट कर सकती है। कहा जा रहा है कि बाबा रामदेव की भतीजी का अगर रिश्ता लालू के बेटे के साथ तय हो जाता है तो बिहार के सियासी समीकरण निश्चित तौर पर प्रभावित होंगे।