नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा जिले के केलवाड़ा गांव में एंबुलेंस के ड्राइवर ने मानवीयता की सारी हदें पार कर दी। बात है 4 सितंबर की है। जब रात को पहाड़ी गांव की अंतो बाई (28) की रात 8 बजे केलवाड़ा अस्पताल में डिलीवरी हुई। बच्चा बहुत कमजोर था तो डॉक्टरों ने महिला को बारां में एंबुलेंस से जच्चा-बच्चा को कोटा रेफर कर दिया।लेकिन एंबुलेंस के ड्राइवर गाडी को रुकवाकर शराब पीते रहे और रास्ते में ही नवजात ने दम तोड़ दिया तो एंबुलेंस का ड्राइवर रात 1 बजे कोटा में जेके लोन अस्पताल के गेट पर महिला और उसके पति को उतारकर भाग गया।
कोटा के अस्पताल में एडमिट करने से किया मना
एंबुलेंस के ड्राइवर के भागने के बाद कोटा के अस्पताल के डॉक्टरों ने लेडी को एडमिट करने से मना कर दिया। इस पर पति-पत्नी मृत नवजात के शव को लेकर बाहर ही घूमते रहे। उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. अनजान शहर में साइकिल स्टैंड पर रात 2 बजे एक दिव्यांग ऑटो वाले ने उन्हें रातभर संभाला और सुबह बस में गांव जाने वाली बस में बैठा दिया।