नई दिल्ली : सरकार द्वारा घोषित नोटबंदी ने सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर बुरा असर डाला है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित रही दुनिया की सबसे बड़ी बच्चों के लिए चलाई जा रही एकीकृत बालविकास (आईसीडीएस) योजना। अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट की माने तो नोटबंदी के एक महीने बाद आंगनवाड़ी में पोषाहार पाने वाले बच्चों की संख्या में भारी गिरावट आयी है। नोटबंदी के एक महीने बाद आंगनवाड़ी के तकरीबन 16 लाख बच्चों को अनाज उपलब्ध नही कराया जा सका।
अक्टूबर से नवम्बर में कुल 6 फीसदी बच्चों की संख्या आंगनवाड़ी से कम हो गई। कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को पैसे की कमी कारण फ़िलहाल अपने ही जेब से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। बच्चों के लिए चलाये जा रहे दुनिया के इस सबसे बड़े कार्यक्रम में तकरीबन 14 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता काम करती है।
नोटबंदी के एक महीने बाद ही नही बल्कि पिछले 8 महीने से भारत में आंगनवाड़ी के जरिये पोषित किये जा रहे बच्चों की स्थित बेहद खराब रही। आंकड़ों की माने तो पिछले 8 महीनों में 42 लाख बच्चों की संख्या आंगनवाड़ी से कम हो गई।