नई दिल्लीः ना उम्र देखी और ना रिश्ते का लिहाज किया। एक पिता अपनी छह साल की बेटी को हरियाणा के अंबाला रेलवे स्टेशन पर छोड़ गया। रेलवे स्टेशन पर लाकर पिता ने कहा कि- आज से यही तेरा घर है। बच्ची घर जाने के लिए तड़पती रोती बिलखती रही जिसे स्टेशन पर आरपीएफ ने देखा और कैंट सिविल अस्पताल को सुपुर्द कर दिया।
मासूम ने सुनाई आपबीती
6 वर्षीय इस बच्ची का नाम चांदनी है। उसने बताया कि उसके पिता विजय कुमार मिस्त्री का काम करते हैं। मां मंजू घर पर ही रहती हैं। हम पांच भाई बहन हैं। पटियाला रेलवे स्टेशन के पास रहते हैं। पहले स्कूल जाती थी पर अब नहीं जाती। पापा घूमाते हुए ट्रेन में अम्बाला तक लाए थे। यहां स्टेशन पर हाथ छुड़ाकर बोले अब तुम यहीं रहो यही तुम्हारा घर है और फिर पता नहीं कहां चले गए।
न बदन पर कपड़े थे और न पैरों में चप्पल थी
कैंट सिविल अस्पताल की मेडिकल अधिकारी रेखा शर्मा ने कहा कि बच्ची के बदन पर पूरे कपड़े नहीं थे और पांव में चप्प्ल तक भी नहीं थी। चाइल्ड लाइन ने बच्ची को नए कपड़े और जूते दिलवाए व बच्ची के खाने पीने की व्यवस्था की।
माता-पिता की तलाश जारी
अम्बाला के आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय भारद्वाज ने कहा कि हमें प्लेटफार्म नंबर एक से लगभग 6 साल की एक बच्ची मिली है जो अपना नाम पटियाला की रहने वाली चांदनी चांदनी बता रही है। चाइल्ड लाइन को बुलाकर बच्ची को उनके सुपुर्द कर दिया गया है। और बच्ची के माता- पिता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। पटियाला में भी सूचना भेज दी गई है। सीसीटीवी कैमरों की मदद से बच्ची के पिता का पता लगाने की कोशिशें जारी हैं।