हम उसके कर्जदार हो गए।
जब रखा कदम शानदार हो गए।
उनका आना मेरे किस्मत में था।
हम पहले से और दमदार हो गए।
राह ताकती माँ सुबह से शाम।
चहल-पहल आँगन घर बार हो गए।
बच्चो की परवरिश पिता का देखभाल।
जाने उनके कितने इच्छाएं कुर्बान हो गए ।
अब तो बोझिल सी लगती बिन उसके।
हम तो एकमात्र उनके सहारे हो गए।
बाल एक अर्से से सफेद होने लगे।
घर की नीव मजबूत करते कारवां हो गए।
पुरे शहर में वो खानदान रोशन है।
उनके आने से हम बागबान हो गए।
जब चली जाती कभी पीहर अपने।
ऐसा लगता घर में हम मेहमान हो गए।
save tree 🌲save earth🌏 &save life❤