देहरादून:पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता विजय बहुगुणा ने एक बार फिर राज्य के CM हरीश रावत पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं। मसूरी विधानसभा के भाजपा युवा जोड़ो सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सीएम हरीश रावत बस घोषणाओं पर घोषणाएं कर रहे हैं। ये घोषणाएं धरातल पर कैसे उतरेंगी, इसका कुछ अता पता नहीं है। नई सरकार आएगी तो सभी फैसलों की समीक्षा की जाएगी।
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विजय बहुगुणा ने मांग की कि सरकार प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे। इससे साफ हो जाएगा कि प्रदेश के हालात क्या हैं। प्रदेश का नान प्लान एक्पेंडिचर इतना बढ़ चुका है कि जितना किसी राज्य का नहीं होगा। स्थायी राजधानी गैरसैंण पर उन्होंने कहा कि यह लोगों और आंदोलन की भावना से जुड़ा मसला है। गैरसैंण प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के पिछड़ेपन और समस्याओं का प्रतीक है। जब वहां विधानसभा भवन बनाने का निर्णय लिया गया तो उसके पीछे इन समस्याओं के निदान की मंशा थी। लेकिन अब सरकार उस दिशा में कदम नहीं बढ़ा रही है सरकार को श्वेत पत्र जारी कर यह बताना होगा कि प्रदेश के हालात क्या हैं।
सीएम हरीश रावत प्रदेश के प्रति ईमानदार नहीं, षड़यंत्रकारी हैं रावत
उन्होंने कहा कि प्रथम सत्र में जब हरीश रावत केंद्र में मंत्री थे तो मैने स्वयं उन्हें कई दफ़ा फोन कर गैरसैंण बुलाया पर वह कभी नहीं आए। वह तो षड़यंत्र में मशरूफ़ थे कि कैसे मुझे हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने पर था। विजय बहुगुणा ने आरोप लगाया कि केंद्र में मंत्री रहते हरीश रावत का उत्तराखंड राज्य के लिए उनका योगदान पूरी तरह से शून्य रहा। उत्तराखंड की माली हालत खराब है और एक महीने में आचार संहिता लग जाएगी। यह बिल्कुल समझ से परे है कि गैरसैंण में दो दिन का सत्र क्यों बुलाया है। यह छलावे से ज़्यादा कुछ भी नहीं। राज्य आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लंबित प्रकरण पर उन्होंने कहा कि यह सरकार की कार्यशैली का ही एक उदाहरण है। हरीश रावत की इसी कार्यशैली से क्षुब्ध होकर हम पार्टी से अलग हुए और अब इसी कारण प्रदेश का युवा भाजपा के साथ खड़ा है।
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