लखनऊ : यूपी में कानपुर देहात के गांव परौंख को सजाने और संवारने का काम शुरू हो गया है. गौरतलब है कि ये वही गांव है जहां देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बचपन ही नहीं बीता बल्कि उनकी उम्र का अधिकांश पड़ाव यहीं बीता है. कोविंद के राष्ट्रपति बनते ही इस गांव की सूरत का मेकअप अफसरों ने शुरू कर दिया है. जिसके चलते कानपुर देहात में उनके गांव के परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस लगेंगी. कंप्यूटरीकृत कक्षाओं के संचालन के लिए विद्यालय में सोलर पैनल लगाया जाएगा. इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) से गांव के स्कूलों का विवरण मांगा है. जल्द ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है.
स्मार्ट क्लासेस में पढ़ाई करेंगे गांव के बच्चे
देश के 14वें राष्ट्रपति की शपथ लेने की तैयारी कर रहे रामनाथ कोविंद ने अपनी प्राइमरी शिक्षा भले ही पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर ली हो, लेकिन उनके गांव के बच्चे जल्द ही स्मार्ट क्लासेस में पढ़ाई करेंगे. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने परौंख गांव के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के कायाकल्प करने की योजना बनाई है. इसके तहत गांव के स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस लगाई जाएंगी. कंप्यूटर सिस्टम संचालन के लिए विद्यालय में सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जाएगा.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जुटाई जानकारी
बेसिक शिक्षा अधिकारी पवन कुमार ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी ने स्कूलों के विषय में जानकारी जुटाई है. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या, विद्यालय भवन की स्थिति आदि के बारे में जानकारी मांगी है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय कुछ परिषदीय स्कूलों का चयन कर वहां स्मार्ट क्लासेस लगाने की व्यवस्था करता है. इसी व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति के गांव परौंख के स्कूलों को चुना गया है. मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी ने उन स्कूलों के बाबत जानकारी ली है. वहां से दिशा निर्देश मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.