नई दिल्ली : भारत में पिछले कई सालों से टूथपेस्ट का मतलब ही कोलगेट रहा है। कोलगेट की निर्माता कंपनी कोलगेट पामोलिव का भारत में पहले से ही एकछत्र राज चलता आ रहा है। लेकिन कोलगेट के इतिहास में साल 2016 में पहली बार सबसे बड़ी गिरावट तब देखने को मिली, जब कोलगेट का मार्केट शेयर 180 बेसिस पॉइंट्स गिर गया। यह एक दशक में सबसे बड़ी गिरावट थी।
कंपनी का सेल्स वॉल्यूम पिछले फिस्कल ईयर में 4 पर्सेंट घटा। हालाँकि साल 2016 के दौरान टूथपेस्ट में 55.6 पर्सेंट और टूथब्रश कैटेगरी में 47.3 पर्सेंट मार्केट शेयर के साथ कंपनी टॉप पर बनी हुई है। लेकिन कोलगेट के सामने बाबा रामदेव की पतंजलि के 'दंतक्रांति' ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार बाबा रामदेव की पतंजलि दंतक्रांति अब तक दो लाख परंपरागत रिटेल स्टोर्स तक अपना विस्तार कर चुकी है। बाबा रामदेव के आयुर्वैदिक टूथपेस्ट से मुकाबला करने के लिए ही कोलगेट ने आयुर्वेदिक ब्रांड सिबाका वेदशक्ति लॉन्च किया।
यह पतंजलि का ही असर है कि उसने बेहद कम समय में 10000 करोड़ टर्न ओवर वाली कंपनी बनकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आयुर्वेद सेक्टर की तरफ आने को मजबूर किया है। भारत में अपने बाजार पर पतंजलि के प्रभाव का संकेत खुद कोलगेट पामोलिव के ग्लोबल सीईओ इयान कुक ने दी।
एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि 'इंडिया में पतंजलि अपने कारोबार को बेहद राष्ट्रवादी नजरिए से पेश करती है। लोकल मार्केट में यही कॉन्सेप्ट्स हैं। वे प्रीमियम प्राइस पर फोकस रखते हैं। इसका मतलब यह है कि आपको ऐसे ऑफर का मुकाबला करना है।'