नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में नए नोट डालने का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है क्योंकि अब धन निकासी पर व्यावहारिक रूप से कोई पाबंदी नहीं रह गई है। सरकार ने गत 8 नवंबर को 1,000 और 500 के नोटों का चलन बंद कर दिया था और जनता से उन्हें अपने बैंक खातों में जमा कराने या बैंकों, रिजर्व बैंक या डाकखानों से बदलावाने का आदेश दिया था। इसके कारण बाजार में नोटों की कमी पड़ गई और स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने बैंक निकासी पर सीमा तय कर रखी है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, 'बचत बैंक खाते से सप्ताह में निकासी की 24,000 की सीमा को छोड़ कर अब अन्य सभी पाबंदियां हटाई जा चुकी हैं। यह सीमा भी अब कुछ ही दिन की बात है।' दास ने यह भी कहा कि करेंसी की आपूर्ति और उसका प्रबंध भारतीय रिजर्व बैंक का काम है। बचत बैंक खातों से निकासी की बची-खुची सीमा हटाने का निर्णय केंद्रीय बैंक ही निकट भविषय में लेगा।
उन्होंने कहा कि बचत बैंक खातों से 'एक माह में केवल कुछ गिनी-चुनी निकासियां ही एक लाख तक की होती हैं। इसलिए आज भी व्यावहारिक तौर पर बैंक निकासी पर कोई सीमा नहीं रह गई है। 'मुझे लगता है कि वापस लिए गए नोटों की जगह नए नोट डालने का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। मैं करीब-करीब इसलिए कह रहा हूं क्यों कि अभी 24,000 रुपये की साप्ताहिक सीमा बनी हुई है।'