नई दिल्ली : कश्मीर मुद्दे को लेकर आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई जिसमे 20 पार्टियों के 28 सदस्य शामिल हुए। बैठक में कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद, जीडीयू के शरद यादव, माकपा के सीताराम येचुरी और AIMIM के असद्धुदीन ओवैसी भी शामिल हुए। बैठक में कांग्रेस और माकपा के नेताओं ने कहा कि 4 सितंबर को श्रीनगर जाने वाले डेलिगेशन को सभी हितधारकों से बात करनी चाहिए।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के लिए हुर्रियत को आमंत्रित करना चाहिए। येचुरी ने कहा कि सरकार को ‘‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’’ के आधार पर शांति वार्ता की पहल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद आगे की कार्रवाई के तौर पर पैलेट गन पर प्रतिबंध लगाने, नागरिक क्षेत्रों से अफ्स्पा हटाने, पुनर्वास और हाल की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजा के पैकेज जैसी ‘‘ठोस’’ घोषणाएं करनी चाहिए।
ख़बरों की माने तो बैठक में मौजूद ओवैसी ने कहा कि वाजपेयी सरकार के दौर में भी बातचीत हुई थी और तब आडवाणीजी ने अलगाववादी नेताओं से बात की। उन्होंने कहा ये तो बीजेपी और पीडीपी के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में है। बैठक से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर पार्टी की बैठक बुलाई थी।