बाल दिवस
चाचा नेहरु जी की वर्ष गांठ,
बहता है इस खुशियों का सैलाब,
बच्चे पाते विशेष स्नेह दुलार प्यार,
होती है सभी बच्चों की मृदु मुस्कान,
नजर आते हैं बच्चों में भगवान
बचपन है होते बच्चे मन के सच्चे
कच्ची मिट्टी के बने लगते घड़े से,
जैसे ढालो वैसे ही ढ़ल जाते,
गुण अवगुण का पाठ यही से पाते,
बाल दिवस के अवसर पर,
बच्चों की शिक्षा और अधिकार का संदेश
सबको इस तरह समझाते,
बच्चे होते भगवान का अमूल्य वरदान,
रखो इनके भविष्य का ध्यान,
कोई भी बच्चा अपनी शिक्षा से ना छूटे,
किसी भी बच्चे की खुशियां ना रूठे,
चाचा नेहरू बच्चों को दुलारते,
उनके साथ मिलकर खुद भी बच्चा बन जाते,
ऐसा कर वो बच्चों के जीवन में जागरूकता लाते,
खुशियों से उनका मान बढ़ाते।