
नई दिल्लीः पं. बंगाल में सैकड़ों करोड़ के शारदा और रोजवैली चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक्शन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मगर, उनके ही सांसद इस मोर्चाबंदी से किनारा कस रहे है। ममता की अपील पर आयोजित धरने में चार सांसद पहुंचे ही नहीं। जवाब-तलब करने पर कुछ ने जहां बहाने बना दिए, वहीं एक सांसद ने तो दो टूक कह दिया कि दागी नेताओं का वह किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं करेंगे। चाहे अपनी ही पार्टी के नेता क्यों न हों। ममता के आयोजन में उनके ही सांसदों के असहयोग ने भाजपा और मोदी को मुस्कुराने का मौका दे दिया है।
पार्टीलाइन के विपरीत खड़े हुए ये सांसद
तृणमूल कांग्रेस के झुनझुन सेन, प्रो. सुगाता बोस, देव और कभी हसीन अदाकारा रह चुकीं संध्या राव फिलहाल घपले के मुद्दे पर पार्टी के प्रदर्शऩ से खुद को अलग कर लिया है। जब ममता बनर्जी के धरने में ये सांसद नहीं शामिल हुए तो सियासी गलियारे में तरह-तरह के सवाल गूंजने लगे। धरने में न शामिल होने के सवाल पर जहां मुनमुन सेन ने कहा कि घुटने में तकलीफ के कारण वे नहीं पहुंचे वहीं एक्टर देव बोले कि शूटिंग में व्यस्तता के कारण वे धरने में नहीं पहुंच सके। जबकि सबसे मुखर रहे सांसद सुगाता बोस ने साफ कहा कि वे दागी नेताओं का समर्थन किसी भी कीमत पर नहीं कर सकते।