लखनऊ:बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 25 वर्ष से चल रहे वाद को शीघ्र निबटाये जाने के लिए दिन प्रति दिन सुनवाई के आदेश दिये है, न कि किसी को गिरफ्तार करने के।
सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतम्भरा, गिरिराज किशोर, अशोक सिंहल, विष्णु हरि डालमिया, उमा भारती और विनय कटियार पर आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। ज्ञात हो कि मुकदमा चलाने मात्र से ही कोई व्यक्ति दोषी नही हो जाता है जबतक सबूतों के आधार ओर सक्षम न्यायालय उसे दोषी न सिद्ध कर दे।सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार इन सभी लोगों पर सेक्शन 120-बी के तहत मुकदमा चलाया जायेगा।
यह मामला केवल मस्जित को गिराये जाने की साजिश का है न कि राम जन्म भूमि के विवाद का। किन किन के विरुद्ध अभियोग चलाया जाए या नही यह वैधानिक प्रक्रिया की बात है।सर्वोच्च न्यायालय ने रायबरेली में चल रहे आपराधिक वाद को लखनऊ स्थानांतरित किये जाने से सम्बंधित आदेश भी पारित किए है ताकि वाद का हल जल्दी निकल आये।
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आते ही विरोधी पार्टियो के नेताओ की भाजपा और उनके नेताओ के विरुद्ध आवाज बुलंद होने लगी ।किसी भी नेता ने पूरा आदेश आये बिना ही आलोचनाओं का सिलसिला शुरू कर दिया जबकि बाबरी मस्जित समर्थक मुस्लिम नेताओं ने संयम से काम लिया है।
उल् लेख नीय है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि 2 साल में मामले की सुनवाई पूरी की जाए। इसके साथ ही रायबरेली से लखनऊ केस ट्रांसफर कर दिया गया है साथ ही मामले से जुड़े जजों के तबादले पर रोक लगा दी गई है। सीबीआई को आदेश दिया है कि इस मामले में रोज उनका वकील कोर्ट में मौजूद रहेगा।
इसके अतिरिक्त बाल ठाकरे, आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंगल, महंत अविद्यनाथ, परमहंस राम चंद्र दास और मोरेश्वर सावे का निधन हो चुका है। जबकि कल्याण सिंह पर राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण मुकदमा नहीं चलाया जायेगा।
बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी। ''साजिश तो तब होती जब मन में कुछ और होता और वहां कुछ और होता।'' उन्होंने कहा कि मैं राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़ी रही हूँ। राम मंदिर का भव्य निर्माण हो उसके लिए मुझे जो भी करना पड़े वह मैं करूंगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन की वजह से ही आज भाजपा यहां तक पहुंची है।
उन्होंने कहा कि मुझे अयोध्या, गंगा और तिरंगे के लिए मैं कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं, भले फांसी हो जाये। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट को भगवान की तरह मानती हूँ और अगर कोर्ट ने कहा होता कि दो घंटे के अंदर जेल जाना है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होती और मैं राम मंदिर के लिए जेल चली जाती।कांग्रेस की ओर से अपने इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में दस हजार सिखों का कत्लेआम हुआ था तब कांग्रेस में से किसने इस्तीफा दिया था।
उमा ने कहा कि मैं आज ही अयोध्या जा रही हूँ और वहां रामलला और हनुमानगढ़ी में हनुमान जी के दर्शन कर उन्हें इस बात के लिए धन्यवाद दूंगी कि मुझे इस आंदोलन से जुड़ने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि मंत्री पद मेरे लिए बहुत छोटी चीज है मैं तो राम मंदिर के लिए इंद्र का सिंहासन भी छोड़ सकती हूँ।उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनने का समय अब आ गया है और मंदिर अब बन कर रहेगा और इसे रोक नही सकता।
देश मे एक बात गौर करने वाली है कि जब जब विरोधी पार्टियो ने भारतीय जनता पार्टी,हिदू महासभा या राष्ट्रीय स्वंम सेवक संघ की आलोचना की है तब तब देश के हिन्दुओ को एक सूत्र बे बाधने का काम करके भारतीय जनता पार्टी के कद को बढ़ाया है। हाल में सम्पन्न हुये विधान सभा चुनाव इसका जीता जागता उदाहरण है।
सर्वोच्च न्यायालय का ऐसे समय आदेश आना जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव निकट है,निश्चित रूप से देश की जनता की भारतीय जनता पार्टी के प्रति आस्था को और सशक्त और मजबूती प्रदान करेगी और अप्रत्याशित रूप से भारतीय जनता पार्टी को लोक सभा चुनाव में एकबार फिर प्रचण्ड जीत के साथ आशा से अधिक सीट प्राप्त होगी।
जिस प्रकार हिदू विरोधी पार्टिया कांग्रेस,टीएमसी,बीएसपी,सपा और वाम पंथी दलों की जुबान से राम मंदिर निर्माण के विरुद्ध आवाजे बुलंद हो रही है,उसी प्रकार यह पार्टिया देश की जनता की नज़रों से ओझल होती जा रही है।
कुल मिलाकर यदि ध्यान दे तो सर्वोच्च न्यायालय का आज का आदेश कही से भी भारतीय जनता पार्टी के विरोध में नही है बल्कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत वाद का शीघ्र निस्तारण करने हेतु है।