देहरादून : उत्तरप्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में नई सरकार बन गई और हमेशा नई सरकार बनते ही जनता को अपने मुख्यमंत्री से यह जानने की उम्मीद रहती है कि राज्य को लेकर उसके विजन क्या हैं। उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंतज़ार सबको था। सोमवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस में पत्रकार जब नये सीएम त्रिवेंद्र सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए तो ये सवाल उनके भीतर भी था।
उत्तराखंड का दुर्भाग्य हमेशा ये रहा कि यहाँ की सरकारों के पास राज्य के लिए कोई विजन नही रहा। राज्य बनने के ढाई दशक बाद भी रोजगार से लेकर पलायन तक के सारे सवाल मौजूद हैं। नए सीएम ने जैसे ही प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की तो उन्होंने सबसे पहले रोजगार से लेकर विकास पर कोई भी बात किये बगैर गौ संरक्षण की बात कर डाली।
जिस राज्य में पहले से ही भ्रष्टाचार से लेकर बेरोजगारी के इतने सवाल मौजूद है उसका मुख्यमंत्री का पहला काम अगर गौ संरक्षण है तो यह हैरान करने वाला है।
हालाँकि संघ के बैकग्राउंड से होने के कारण उनका गौ संरक्षण पर ध्यान देना स्वाभाविक है लेकिन जनता को नए सीएम से उम्मीद कुछ नए की थी और उसे भरोसा था कि अपनी पहली पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वो इसकी रूप रेखा तैयार करेंगे।
उत्तराखंड के लोग मुख्यमंत्री से उसी तरह की उम्मीद लगाए बैठे थे कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर और योगी के शुरूआती फैसलों में दिखा। हालाँकि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह का नाम इससे पहले कृषि मंत्री रहते बीज घोटाले में आया था और उस दौर में उनके करीबी सचिव ओमप्रकाश को उन्होंने सीएम बनते ही अपना अपर सचिव जरूर बना दिया।