दिल्ली : अपनी कट्टर हिंदू वाली छवी के लिए पहचाने जाने वाले यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मठ के भीतर का वातावरण क्या है आज हम आपको बताते है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक बीते 35 वर्षों से गोरखनाथ मंदिर के अंदर होने वाला हर निर्माण कार्य एक मुस्लिम की निगरानी में होता आ रहा है, यासिन अंसारी वो शख्स है जो मंदिर के खर्च का हिसाब-किताब रखते हैं.
अंसारी ने बताया, 'मेरे छोटे महाराज (योगी आदित्यनाथ के नाम से जाने जाने वाले) के साथ बेहद दोस्ताना संबंध हैं. जब भी वह यहां होते हैं, मुझे कॉल करते हैं और काम के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं. मैं उनके घर में आजादी से घूमता हूं, उनके किचन में जाता हूं, उनके बेडरूम में भी जाता हूं और उनके साथ खाना भी खाता हूं.' मंदिर के पास कई ऐसी दुकानें हैं, जो मुस्लिम चलाते हैं.
बातचीत के दौरान अंसारी ने आगे बताया, 'मैंने कई बार योगी आदित्यनाथ को गरीबों की मदद करते देखा है, वह यह नहीं देखते कि कौन किस जाति या धर्म का है. छोटे महाराज शादी समारोहों में शरीक होते हैं.'
मंदिर परिसर में एक दुकान चलाने वाली मुस्लिम अजीजुन्निसा ने बताया कि पिछले 35 वर्षों से वह यहां दुकान चला रही हैं, उन्होंने कभी महसूस नहीं किया कि योगी ने किसी को सम्मान न दिया हो या भेदभावपूर्ण व्यवहार किया हो.
20 वर्षों से मंदिर में चूड़ियों की दुकान लगाने वाले मोहम्मद मुताकिम ने बताया, 'मंदिर के अंदर दुकानों और अन्य कामों के जरिए कई मुस्लिम परिवार अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं, उनमें किसी बात का भय नहीं.'
यासिन अंसारी ने बताया कि उनके पिता के बड़े भाई महंत दिग्विजयनाथ की पुरोहित बनने की विधि कार्यक्रम में शामिल हुए थे और मंदिर के किचन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी. उन्होंने बताया कि 1977-83 तक वह मंदिर के खजांची थे और 1984 से वह मंदिर के निर्माण कार्यों के सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे हैं.
गोरखनाथ मंदिर के पहले इंजिनियर निसार अहमद हुआ करते थे, जो बाद में महाराणा प्रताप पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य बन गए थे. उन्होंने बताया, 'मैं मंदिर का इंजिनियर था. साधना भवन, यात्री निवास, हिंदू सेवाश्रम, मंदिर में दुकानें, गोरखनाथ अस्पताल की नई बिल्डिंग, संस्कृत विद्यालय, राधाकृष्ण मंदिर और कई अन्य मंदिर मेरे दिए डिजाइन के अनुरूप बनाए गए हैं. अब मैं रिटायर हो चुका हूं.'
आपको बता दें योगी मंदिर में ही एक कमरे में रहते हैं. उनके कमरे में अटैच्ड वॉशरूम तो है, लेकिन कोई टीवी या रेडियो सेट नहीं है. उनकी अलमारियों में धार्मिक ग्रंथ और महान लोगों की जीवनियां भरी पड़ी हैं. देश-दुनिया की खबरों के लिए योगी अखबारों पर निर्भर रहते हैं, जो उनकी कुर्सी के पास क्रमबद्ध ढेर में दिखाई देते हैं.