नई दिल्ली : बाबा रामदेव की पंतजलि आयुर्वेद वर्तमान में विदेशी कंपनियों को जोरदार टक्कर दे रही हैं और इस कंपनी के प्रमोटर आचार्य बालकृष्ण हैं। 'हुरुन इंडिया रिच लिस्ट' की माने तो साल 2016 में भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में आचार्य बालकृष्ण को 25वे स्थान पर रखा गया है। सूची की माने तो आचार्य बालकृष्ण की कुल संपत्ति 25,600 करोड़ है। सूची के अनुसार पतंजलि का रजिस्टर्ड टर्नओवर 5000 करोड़ है जबकि 2017 में पतंजलि ने 10 हजार करोड़ कमाने का लक्ष्य रखा है।
इस सूची में फिलहाल पहला स्थान डाॅॅबर के आनंद बर्मन का नाम हैं। उनकी कुल संपत्ति 41,800 करोड़ रुपए है। ब्रिटानिया के नुस्ली वाडिया इस लिस्ट में बर्मन के नीचे हैं। उनकी कुल संपत्ति 20,400 करोड़ है।
जानिये आचार्य बालकृष्ण के बारे में
पतंजलि आयुर्वेद ने आज दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है भारत में पतंजलि की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहाँ एक ओर बैंक उद्योगपतियों को वर्तमान में लोन देने से डर रहे हैं वहीँ पतंजलि को लोन देने का बैंक खुद ऑफर कर रहे हैं। पतंजलि की इस सफलता के पीछे इसके 43 साल सीईओ समझे जाने वाले आचार्य बालकृष्ण की कड़ी मेहनत शामिल है। आचार्य बालकृष्ण अन्य कंपनियों के सीईओ से बिल्कुल अलग हैं।
बालकृष्ण के पास कंप्यूटर नहीं
हालाँकि बालकृष्ण iPhone इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनके पास कोई कंप्यूटर नहीं है वह अपने टेबल पर सारे कामकाज प्रिंटआउट कागजों के जरिये करते हैं, कुर्ता और धोती पहनते हैं और शुद्ध हिंदी का इस्तेमाल करते हैं।
बाबा रामदेव के बेहद विश्वासपात्र आचार्य बालकृष्ण की 94 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन उनका दावा है कि वह एक भी रुपया वेतन नहीं लेते हैं। वह हर दिन 15 घंटे काम करते हैं, यहाँ तक कि संडे को भी। उनका कहना है वह वह रोज सुबह के 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक काम करते हैं जबकि एक आम व्यक्ति दिन में 8 घंटे ही काम करता है।
'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' के इंटरव्यू में बालकृष्ण ने बताया था कि वह 'हार्ड वर्क' में यकीन रखते हैं। आज पतंजलि 500 करोड़ की कंपनी बन चुकी है। इस पिक्सल में भी कंपनी ने 10 हजार करोड़ का रेवेन्यू लक्ष्य रखा है।
बालकृष्ण का कहना है कि 10 साल पहले उन्होंने पर्सनल लोन लेकर काम शुरू किया था जिसमे उन्होंने 50 से 60 करोड़ का लोन लिया था जबकि उनका कोई भी बैंक अकाउंट नहीं था। एक एनआरआई दम्पति ने उन्हें ये लोन दिया था अब वह इस लोन को वापस कर चुके हैं लेकिन उस दम्पति की कंपनी में 3 प्रतिशत की हिस्सेदारी अभी भी है। बालकृष्ण का कहना है कि वो बैंकों से 700 करोड़ का लोन लेंगे और पतंजलि की योजना को और आएगी बढ़ाएंगे।