नई दिल्ली : डेंगी,चिकनगुनिया और मलेरिया एक बार फिर एनसीआर में दस्तक दे चुका है चिकनगुनिया से दिल्ली में 4 लोगों की मौत हो चुकी है इन बीमारियों से जुड़ी कुछ अहम बातों को जानना आपके लिए भी आवश्यक है.
डेंगी,चिकनगुनिया और मलेरिया के लक्षण लगभग एक समान होते है जो कि मच्छरों के कारण फैलता हैं चिकनगुनिया अल्फावायरस के कारण होता है
चिकनगुनिया के लक्षण
जोडों में दर्द के साथ साथ बुकार
त्वचा खुश्क होना
उल्टी होना
कंपकपी और ठंड के साथ बुखार का अचानक बढ़ना
सरदर्द होना
चिकनगुनिया से पीड़ित गर्भवती महिला को अपने बच्चे को रोग देने का जोखिम होता है
डेंगी,चिकनगुनिया और मलेरिया के उपचार के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर खुद को बचाया जा सकता है.
1. पपीते की पत्ती (Papaya leaf)
पपीते की पत्ती न केवल डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है. बुखार में शरीर के प्लेटलेट्स (platelates) तेजी से गिरते हैं, जिन्हें पपीते की पत्तियां तेजी से बढ़ाती हैं. मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं. उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें. दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें.
2. तुलसी और अजवायन (Tulsi aur ajwain)
तुलसी और अजवायन भी चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बेहद अच्छी घरेलू औषधि हैं. उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें. इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं.
3. लहसुन और सजवायन की फली (Garlic and drum stick)
लहसुन और सजवायन की फली चिकुनगुनिया और डेंगू के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है. चिकुनगुनिया में जोड़ों में काफी दर्द होता है, ऐसे में शरीर की मालिश किया जाना बेहद जरूरी है. इसके लिए किसी भी तेल में लहसुन और सजवायन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें.
4. लौंग (Laung or clove)
दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें. इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा, और शरीर का तापमान (body temprature) भी नियंत्रित होगा.
5. एप्सम साल्ट (Epsom salt)
एप्सम साल्ट की कुछ मात्रा गरम पानी में डालकर उस पानी से नहाएं. इस पानी में नीम की पत्तियां भी मिलाएं. ऐसा करने से भी दर्द से राहत मिलेगी और तापमान नियंत्रित होगा.
6. अंगूर (Grapes)
अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ लेने पर चिकुनगुनिया के वायरस मरते हैं लेकिन ध्यान रहे अंगूर बीजरहित हों.
7. गाजर (Carrot)
कच्ची गाजर खाना भी उपचार में बेहद फायदेमंद है. यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ाती है साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है.