सुबह के 10 बज रहे थे और रूद्र अपनी आंखें बंद किए, सोफे पर सिर टिकाए उसी लड़की के बारे में सोच रहा था जो पहली मुलाकात में उसे अपना दिवाना बना गई थी.....कल कब मीटिंग शुरू हुई, कब खत्म हुई, कब वो लोग होटल वापस आए, कब रात गुज़र गई, उसको पता ही नही चला..... पहली बार उसे ना रात के पाठ का होश रहा, ना सुबह की पूजा का वो बस अपनी ही सोचो में गुम था.......
अजय की आंख खुली तो उसने देखा रूद्र अब तक वहीं बैठा था, जहां वो कल रात आकर बैठा था.....रूद्र, रात भर सोया नही????-----अजय ने उसके पास बैठते हुए पुछा।
अजय जल्दी से तैयार हो जा, हमको निकलना है.......मगर मीटिंग तो दोपहर की है ना रूद्र, अजय ने घड़ी देखते हुए पूछा।
नही आज की मीटिंग कैंसिल कर दें..... मगर क्यों रूद्र और हम जा कहा रहे हैं- अजय ने हैरान और परेशान होते हुए पुछा।
हम उस लड़की को ढूंढने जा रहे हैं- रूद्र ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
क-क्या??? हम उस लड़की को ढूंढने जा रहे हैं... अजय ने हैरानी से रूद्र के लफ़्ज़ों को दोहराया।
मगर कहा, कैसे, मेरा मतलब है ना हमको उसका नाम पता है, ना ही हमारे पास कोई फोटो है, ना ही यह पता है कि वो कहां से आई थी और कहा गई, फिर हम कैसे ढूंढेंगे- अजय ने अपना सिर खुजाते हूए पूछा।
अजय कल तूने ही कहा था ना कि क्या पता भगवान ने हमको उसके लिए ही भेजा है तो जब भगवान एक बार मिला सकते हैं तो दुबारा क्यों नही, मुझे यक़ीन है मैं उसको ढूंढ लूंगा- रूद्र यह कहते हुए मुस्कुराता हुआ तैयार होने चला गया और अजय हैरान-परेशान वहीं खड़ा रहा।
थोड़ी ही देर में वो लोग होटल से निकल गए और फिर रूद्र ने लगभग वहां का चप्पा-चप्पा छान मारा, सुबह से रात हो गई मगर उस लड़की की कोई खबर नही मिली और खबर मिलती भी कैसे ना उसका नाम पता था उनको, ना कोई फोटो फिर भी रूद्र उसको ढूंढ रहा था...... उसको यक़ीन था कि वो उसे दोबारा ज़रूर मिलेगी मगर अजय को लग रहा था कि रूद्र का दिमाग खराब हो गया है सुबह से बस पागलों की तरह उसे ढूंढ रहा था.....ना कुछ खाया था ना कुछ पिया था.........
रूद्र मेरे दोस्त!!! रात के नौ बज रहे हैं, प्लीज़ मुझ पर थोड़ा रहम कर और होटल वापस चल, भूख से मेरी हालत खराब हो चुकी है.....देख, हम उस लड़की को कल फिर से ढूंढने चलेंगे, मगर प्लीज़ अभी वापस चल-----अजय ने मिन्नत करते हुए कहा तो रूद्र ने ना चाहते हुए भी गाड़ी होटल की तरफ दौड़ा दी......अभी वो लोग होटल पहुंचे ही थे कि अजय ने फिर बोलना शुरू कर दिया.
यार रूद्र अगर वो लड़की हमको कल भी नही मिली तो-----अजय ने होटल में एंट्री करते हुए पूछा।
मेरा मतलब है अब तू उसके लिए पूरा कश्मीर तो नही घूम सकता ना!!!!-----अजय ने हंसते हुए कहा।
अजय कश्मीर तो सिर्फ 222,236 km² (area) में सीमित है अगर मुझे उसके लिए पूरी दुनिया भी घूमनी पड़ी ना तो भी मैं हार नही मानूंगा---- रूद्र ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
हे भगवान!!!! प्लीज़-प्लीज़-प्लीज़ इस ज़िद्दी इंसान की सून लो वरना यह उस अजनबी लड़की को ढूंढने के लिए मुझे भूखा ज़रूर मार देगा-----अजय ने ऊपर देखते हुए कहा।
बंद कर नौटंकी, मंगवाता हूं कुछ खाने के लिए भुक्कड़-----रूद्र ने उसके सिर पर हाथ मारते हुए कहा।
अच्छा, ठीक है-ठीक है अब नही कहूंगा कुछ मगर जो भी मंगवाना जल्दी मंगवाना----- अजय ने अपना पेट पकड़ते हुए कहा।
ठीक है भुक्कड़- रूद्र ने यह कहते हुए अपना फोन देखा ही था कि उसकी नज़र होटल की सीढ़ियों पर पढ़ी, जहां से तीन-चार लड़कियां बहुत जल्दी में बाहर की तरफ जा रही थी-----उनको देख एक पल के लिए रूद्र कही गुम हो गया।
अब क्या हुआ रूद्र??? फूड आर्डर कर ना।।।
अजय वो लड़की वो वही थी---- रूद्र ने सीढ़ियों की तरफ इशारा करते हुए कहा।
तो सोच क्या रहा है, भाग, रोक उसे--- अजय ने उसका हाथ पकड़ आगे बढ़ते हुए कहा मगर जब तक वो सीढ़ियां उतरते वो जा चुकी थी।
शीट मेन!!!! रूद्र हमने पूरा दिन उस लड़की को ढूंढने में गुज़ार दिया और अब जब वो तेरे सामने थी तो तू उसे जाता हुआ देखता रहा.....अब क्या करेंगे??? कैसे पता करेंगे उस अनजान लड़की के बारे में---अजय ने अपना सिर पकड़ते हुए पूछा।
सिम्पल रिसेप्शन से---- रूद्र ने मुस्कुराते हुए कहा।
उफ़!!!! मुझे तो यह आइडिया आया ही नही---- अजय ने सुकून की सांस लेते हुए कहा।
अभी वो लड़की होटल से बाहर ही निकली थी कि जल्दी में होने की वजह से वो सामने आ रहे आदमी से टकरा गई।
एम् सोरी मिस्टर----वह जल्दी में सोरी कहते हुए सामने खड़ी बस में चढ़ गई थी।
सर आपका हाथ जल गया, उस पागल लड़की की वजह से और आपने कुछ भी नही कहा-----अमित जी जल्दी से अहान कुरैशी का हाथ पकड़ते हुए कहते है।
अहान कुरैशी एक बहुत अच्छा बिज़नेसमैन, जिसका नाम कश्मीर में हर कोई जानता था, बचपन में ही बाप का साया सिर से उठ जाने की वजह से छोटी सी उम्र में ही उसने अपनी मां की और अपनी ज़िम्मेदारी उठा ली थी शायद इसलिए ही गुस्से का तेज़ बन गया था मगर दिल का अच्छा था।
अमित जी इसमें उस लड़की की क्या ग़लती है, टकराने की वजह से मेरे हाथ से काॅफी गिर गई, उसने तो फिर भी सॉरी बोल दिया-----अहान ने मुस्कुराते हुए कहा।
अक्सर उसे कोई भी काम खराब होने पर या छोटी से छोटी ग़लती पर भी बहुत गुस्सा आ जाता था मगर आज पहली दफा उसके कपड़े खराब होने पर यहां तक उसका हाथ जल जाने के बाद भी वो मुस्कुरा रहा था जिसे देख अमित जी हैरान रह गए।
अहान सर! आप ठीक तो है......मैं ठीक हूं तुम जाकर पता करो यह लड़की कौन है....... ठीक है सर हो जाएगा मगर प्लीज़ आप पहले अपने हाथ पर मलहम लगवा लीजिए।
********************* ***************************** *************************
क्या आप मुझे उस लड़की के बारे में बता सकती है, जो अभी रेड ड्रेस में बाहर गई है-----अजय ने रिसेप्शन पर बैठी लड़की से कहा।
सोरी सर, ऐसे किसी की भी इंफोर्मेशन देना, होटल के रूल्स के खिलाफ है---- उस लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा।
देखें, हमारा उस लड़की के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है, आप चाहें तो बदले में इंफोर्मेशन की पूरी कीमत ले सकती हैं------अजय ने हज़ार-हज़ार के 4-5 नोट टेबल पर रखते हुए आहिस्ता से कहा।
मिस्टर आपको समझ नही आता क्या, आप दोनों यहां से जाते हैं या मैं सेक्योरिटी को बुलाऊ----रिसेप्शनिस्ट ने थोड़े सख्त अंदाज़ में कहा तो रूद्र ने फौरन अजय का हाथ खींच उसे पिछे कर खुद आगे हो गया और मुस्कुराते हुए बोला।
हाय मिस!! एम् सोरी, मेरे दोस्त को शायद पता नही है कि ईमानदार लोगों से कैसे बात करते हैं, प्लीज़ इसे माफ़ कर दो, दरअसल ग़लती इसकी भी नही है, यह मेरा बचपन का दोस्त है और आज पूरा दिन हम उस लड़की को ही ढूंढ रहे थे आखिर वो मिली भी तो हमारे होटल में इसलिए यह थोड़ा एक्साइटेड हो गया---- रूद्र ने अजय की तरफ झूठा गुस्सा जताते हुए कहा।
देखें मिस्टर मुझे आप लोगों की कहानी में कोई इंटरेस्ट नही है, आप लोग जाते हैं या फिर मैं सेक्योरिटी बुलाऊ------उस लड़की ने उलझते हुए कहा मगर तभी रूद्र ने अपने दोनों हाथ उसके सामने जोड़ दिए, जिसको देख वो लड़की और अजय दोनों ही हैरान रह गए.......रूद्र रघुवंशी कभी किसी के सामने हाथ जोड़ सकता है यह तो अजय अपने सपने में भी नही सोच सकता था......क्या सच में रूद्र को एक नज़र में उस लड़की से प्यार हो गया था।
मिस मैं उस लड़की से बहुत प्यार करता हूं, पहली बार किसी से प्यार हुआ है, प्लीज़ मुझे आप उसके बारे में जो भी बता सकती है, बता दीजिए, मुझे अब तक उसका नाम तक नही पता......आपके पास बहुत उम्मीद से आए थे हम लोग, मुझे पता है यह आपके लिए बहुत मुश्किल है, आपकी नौकरी भी जा सकती है मगर यह मेरी ज़िन्दगी का सवाल है, आप कहेगी तो मैं आपके पैर पकड़ने को तैयार हूं मगर प्लीज़ आप मुझे उसके बारे में कुछ तो बता दो----- रूद्र ने उस लड़की के पैरों की तरफ बढ़ते हुए कहा तो उस लड़की ने घबरा कर फौरन उसे वही खड़े रहने को कहा और 5 मिनट कम्प्यूटर पर देखने के बाद उसके हाथ पर एक पेपर रख दिया....... जितनी इंफोर्मेशन कम्प्यूटर में थी, वो मैंने इस कागज़ पर लिख दी है, अब अगर आप उसे ना ढूंढ सके तो वो आपका नसीब------ उस लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा।
थैंक यू- थैंक यू- थैंक यू मिस, यह मेरा कार्ड है, अगर कभी भी आपको किसी मदद की ज़रूरत हो तो मुझे ज़रूर याद करना-----रूद्र ने अपना विज़िटिंग कार्ड टेबल पर रख कर मुस्कुराते हुए कहा और वहां से सीधा अपने कमरे में चले गया, उसने फौरन ही अपनी पैकिंग शुरू कर दी।
रुद्र क्या लिखा है उस पेपर में, और यह पैकिंग क्यो कर रहा है।
अजय हम लोग पहली फ्लाइट से दिल्ली वापस जा रहे है---रूद्र ने उसे देखे बगैर जवाब दिया।
वेट!!! रूद्र हम वापस नही जा सकते, याद है तूने कहा था एक हफ्ते बाद यहा से सीधा न्यूज़ीलैंड के लिए निकलना है तुझे, घर वालों की वजह से.......मैंने एक महीने की सारी मीटिंग फिक्स कर रखी है, न्यूज़ीलैंड के टिकिट भी कन्फर्म हो चुके हैं अब हम वापस नही जा सकते और वापस जा कर कहेंगे क्या------अजय ने उसके सामने खड़े होते हुए पूछा।
अजय फिलहाल अभी पैकिंग कर, बाकी सब मैं सम्भाल लूंगा और अगर फिर भी कोई तुझसे सवाल करे तो कह देना मेरी ज़्यादा तबीयत बिगड़ गई थी, इसलिए वापस आना पड़ा, ठीक है अब चले-------रूद्र ने अपने बैग की चैन लगाते हुए कहा और फिर थोड़ी ही देर में वो लोग होटल से एयरपोर्ट के लिए निकल गए।
वो लोग अभी निकले ही थे कि अमित और अहान दोनों रिसेप्शन पर पहुंच गए।
हेल्लो मिस!!! अभी थोड़ी देर पहले यहां से एक लड़की रेड ड्रेस में बाहर गई थी हमको उसके बारे में पता करना है----अमित ने रिसेप्शन पर बैठी लड़की से कहा और वो फौरन समझ गई कि यह भी उसी लड़की के बारे में पता करना चाहते हैं।
सोरी सर मगर यहां तो पूरे दिन ही लोग आते-जाते रहते हैं, मैं इतने ध्यान से नही देखती--- रिसेप्शनिस्ट ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
कोई बात नही आप हमको सी.सी.टी.वी फुटेज दिखा दो, हम पहचान लेंगे---- अमित सोचते हुए बोला।
सोरी सर इसकी इजाज़त नही किसी को भी---- रिसेप्शनिस्ट ने फिर मुस्कुराते हुए कहा अब अहान को गुस्सा आ गया था।
हम कह रहे है ना हमको अभी सी.सी.टी.वी चैक करना है------- अहान ने गुस्से में कहा।
सर आप लोग यहां से जाते हैं या मैं सेक्योरिटी बुलाऊ-----
तुम जानती हो, मैं चाहु तो खड़े-खड़े तुम्हारा यह होटल खरीद सकता हूं---- अहान ने गुस्से में उसे घूरते हुए कहा।
ठीक है सर, तो पहले आप होटल खरीद लीजिए फिर फुटेज भी देख लेना मगर फिलहाल आप लोग यहा से हट जाए----उस लड़की ने भी निडरता से कहा तभी अहान ने गुस्से में अपना फोन निकाला और किसी का नम्बर डायल किया, तकरीबन 10-15 मिनट तक वो फोन पर बात करता रहा और लगभग आधे घंटे में उस होटल के मालिक के साथ अमित और अहान दोनों ही रिसेप्शनिस्ट के सामने फिर आ गए थे।
मिस रोहिनी आज से यह इस होटल के नए मालिक है, इन्होंने अभी-अभी यह होटल खरीद लिया और तुमको नौकरी से निकाल दिया------यह कहते हुए, होटल के मालिक ने उसे कुर्सी से उठने का इशारा किया।
उसके कुर्सी से उठते ही अमित ने फौरन उसके कम्प्यूटर पर सी.सी.टी.वी रिकोर्डिंग शुरू कर दी, अभी 2 मिनट ही हुए थे कि अचानक कम्प्यूटर हैंग हो गया और फाइल करप्ट हो गई तभी देखते ही देखते उन लोगों की आंखों के सामने सी.सी.टी.वी रिकार्डिंग डिलीट भी हो गई और वो लोग कुछ नही कर सके........
अमित और अहान दोनों समझ गए थे कि यह सब रिसेप्शनिस्ट ने ही किया था मगर उनके पास कोई सबूत नही था इसलिए वह दोनों उस रिसेप्शनिस्ट को घूरते हुए खामोशी से वहां से चले गए।
अमित मुझे उस लड़की का पता हर हाल में चाहिए, जो चाहे करना पड़े, मगर तुमको उसे ढूंढना होगा-------अहान ने कार में बैठते हुए गुस्से से कहा।
सुबह के 10 बजे थे जब अचानक रूद्र की आंख खुली, उसने घबराते हुए घड़ी में वक्त देखा और फौरन ही खड़ा हो गया, उसने जल्दी-जल्दी कबड से कपड़े निकाले और सीधा वाशरूम चले गया मुश्किल से 15 मिनट ही गुज़रे थे कि वो नहा कर भी आ गया था।
रूद्र तू इतनी जल्दी नहा भी लिया----अजय ने हैरानी से रूद्र को देखते हुए पुछा।
हां! तू भी जल्दी से तैयार हो जा, निकलना है--- रूद्र ने बाल बनाते हुए कहा।
निकलना है मतलब, कोई मीटिंग है-----अजय ने सिर खुजाते हुए याद करने के अंदाज़ में पूछा।
नही, उस लड़की को ढूंढने जाना है......ढूंढने जाना है मतलब, कल उस रिसेप्शनिस्ट ने तुझे पेपर पर लिख कर दिया था ना, उसका पता, फिर क्यों ढूंढना है------अजय ने कुछ ना समझते हुए फिर सवाल किया।
अजय वो लड़की दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से पिकनिक पर आई थी, इसलिए होटल बुकिंग भी यूनिवर्सिटी की तरफ से ही हुई थी......अब इसके बाद कोई सवाल नही, जल्दी से तैयार होकर नीचे आजा---- रूद्र ने अपना फोन पॉकेट में रखते हुए कहा।
डोंट टेल मी, अब हम युनिवर्सिटी के चक्कर लगाने वाले हैं-----अजय ने मुंह बनाते हुए कहा।
बिल्कुल सही मेरे दोस्त, अब जब तुझे सब पता है तो प्लीज़ पांच मिनट में तैयार होकर नीचे आ जा, इतने मैं कार निकालता हूं-----यह कह कर रूद्र कमरे से निकल गया अजय भी अपनी जैकेट उठा कर उसके पीछे चल दिया क्योंकि उसको पता था इस वक्त एक मिनट की भी देरी रूद्र बर्दाश्त नही करने वाला..........लगभग दो घंटे बाद, दिल्ली के कभी ना खत्म होने वाले ट्रैफिक जाम से जूझते हुए वह आखिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के सामने खड़ा था।
सुबह से शाम हो गई, मगर रूद्र की नज़र युनिवर्सिटी के दरवाज़े पर ही टिकी थी, एक-एक कर सभी स्टूडेंट्स चले गए थे......
मेरा ख्याल है, आज वो नही आई-----चौकीदार को युनिवर्सिटी का दरवाज़ा बंद करते देख अजय ने कहा।
मुझे भी पता चल गया है अजय, वो नही आई----- रूद्र ने चिढ़कर कहा और कार स्टार्ट कर दी।
अगले दिन वो सुबह-सुबह ही युनिवर्सिटी के बाहर खड़ा हो गया, सुबह से शाम हो गई थी लेकिन आज भी वो उसे नही दिखाई दी थीं, अब अजय परेशान हो रहा था रूद्र की दिवानगी से----------
यार रूद्र सुबह से थक गया हूं इस कार में बैठे-बैठे, चल घर चलते हैं------उसने कार से उतरते हुए कहा
अजय हम कहीं नही जा रहे, चुपचाप बैठा रह----- रूद्र ने उसकी तरफ देखे बगैर ही जवाब दिया।
रूद्र मुझे लगता है उस रिसेप्शनिस्ट ने ना तुझे बेवकूफ बना दिया है, तुझे सही इंफोर्मेशन नही दी उसने।
अजय यह तो वक्त बताएगा फिलहाल तू अपना मुंह बंद रख स्टूडेंट्स वापस जाना शुरू हो गए, ऐसा ना हो तेरी वजह से मैं उसे ना देख पाऊं------रूद्र यह कहते हुए अचानक रूक गया।
आखिर वो चेहरा उसकी नज़र के सामने आ ही गया, जिसको देखने के लिए वो कितना बेकरार था, इसका अंदाज़ा उसे खुद नही था....उस चेहरे को देख जैसे वो खो ही गया था, ऐसा लग रहा था जैसे पूरा जहां उस एक चेहरे में समां गया हो, उससे आगे कुछ नही, कुछ भी नही.......वो अपनी सोचों में गुम था जब अजय ने उसके सामने चुटकी बजाते हुए गाना गुनगुनाया-------देखा जो तुमको, यह दिल को क्या हुआ है....मेरी, धड़कनों पे यह छाया क्या नशा है......आखिर ढूंढ ही लिया उसको.
तुझे कैसे पता चला, मेरा मतलब है वो तो तेरे पिछे थी--------रूद्र ने फौरन बात बदलते हुए कहा.
जनाब यूं बोलते-बोलते अगर आप चुप हो जाएंगे तो मैं ही नही, पूरी दुनिया अंदाज़ा लगा सकती है कि वो आपके सामने है-------अजय ने उसे छेड़ते हुए कहा।
अच्छा कहा है वो-----अजय ने पिछे मुड़कर देखते हुए पुछा।
चली गई!!
क्या??? रूद्र तू पागल हैं, हम उसको कब से ढूंढ रहे हैं और तूने उसे यूं ही जाने दिया-----अजय ने थोड़ा गुस्से में कहा।
हां, अब ढूंढ लिया ना, चल अब घर चलते हैं------ रूद्र ने कार में बैठते हुए कहा।
******************** ******************** *********************
एक हफ्ता गुज़र गया था, रूद्र रोज़ाना आते-जाते उसे देखता, उसके इंतेज़ार में पूरा-पूरा दिन युनिवर्सिटी के बाहर इंतेज़ार करता, रोज़ाना सोचता आज तो वो उससे बात कर ही लेगा, मगर जब वो सामने आती तो बस उसे देखता रहता।
रूद्र कम से कम एक बार उससे बात तो कर, क्या पता उसका कही रिश्ता पक्का हो, या वो किसी से प्यार करती हो, या क्या पता उसकी शादी होने वाली हो------ अजय पता नही क्या- क्या बोल रहा था जब अचानक रूद्र ने गुस्से में कहा।
जस्ट शट-अप अजय!!! मैं उससे प्यार करता हूं, मज़ाक नही है मेरे लिए यह सब, अब उसका रिश्ता पक्का हुआ हो या उसकी शादी होने वाली हो, मैं हार नही मानूंगा, चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े-------पहली बार रूद्र की आंखों में जुनून था, वो अचानक इतना सीरियस हो जाएगा अजय को अंदाज़ा नही था।
बाकी अगले भाग में:-
नोट:- यह भाग कैसा लगा, प्लीज़ बताना नहीं भूलें।