… इस बात में कोई शक नहीं है कि विश्वबंधुत्व और समानता का आलोक फैलाने वाले महावीर स्वामी द्वारा प्रतिपादित जैन धर्म ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विभिन्न पक्षों को बहुत प्रभावित किया है, तो दर्शन, कला और साहित्य के क्षेत्र में भी जैन धर्म का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. जैन धर्म में वैज्ञानिक तर्कों के साथ अपने सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है. महावीर स्वामी ने पशु-पक्षी तथा पेङ-पौधे तक की हत्या न करने का अनुरोध किया है. अहिंसा की शिक्षा से ही समस्त देश में दया को ही धर्म प्रधान अंग माना जाता है. महावीर का ‘जीयो और जीने दो’ का सिद्धांत जनकल्याण की भावना को परिलाक्षित करता है. जहाँ तक जैन धर्म के मुख्य सिद्धांतों की बात है तो जैन धर्म मनुष्य को स्वयं अपना भाग्य विधाता मानता है. इस क्रम में, मनुष्य 8 प्रकार के कर्म करता है, जो क्रमशः ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय...
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