... राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में यूपी में सरकार बनाने के लिए भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती और इसके लिए उसने काफी समय पहले ही मंथन शुरू कर दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 13 जून को इलाहाबाद रैली से माहौल को गरमाने में कोई कसर नहीं छोड़ा. अपने दहाड़ने वाली शैली में मोदी ने जम कर सपा और बसपा पर निशाना साधा. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि दोनों पार्टियों ने जुगल बंदी की है कि बारी-बारी से यूपी को लुटेंगें. पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी के 'गुंडाराज' के मुद्दे को भी गिनाया और मथुरा की हिंसा की घटना में पार्टी और सरकार की नाकामयाबी पर भी खूब बरसे. हालाँकि कार्यकारिणी (BJP National executive meeting) की बैठक में पीएम मोदी ने बहुत छोटा भाषण दिया और महत्वपूर्ण मुद्दों को छुआ. यह कुछ-कुछ औपचारिकता की माफिक था, जैसे हमारे देश में 80 करोड़ युवा हैं और उनके मन को पढ़ते हुए जरूरी बदलाव करना होगा. इस क्रम में मोदी ने अपने संगठन को भी निर्देश दिया कि 'जीत' के उद्देश्य में अभी से जुटें और लोकसभा चुनाव के बाद जुड़े सदस्यों व कार्यकर्त्ताओं को भी इसमें जोड़ें. इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सपा पर हमला बोला और कांग्रेस के दस साल तक केंद्र सरकार में रहने और 12.5 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का ज़िक्र किया. इसके साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मोदी सरकार के दो साल में किये कार्य और योजनाओं की भी विस्तार से चर्चा की. यह बात ठीक है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुकी है, तो सऊदी अरब और अफगानिस्तान ने अपने देश का सर्वोच्च सम्मान भी पीएम को दिया है. इसी के साथ केंद्र सरकार की उपलब्धियों में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र ने मोदीजी के भाषण के दौरान कई बार स्टैंडिंग ओबेशन भी दिया, जिसे भाजपा ख़ास बता सकती है. पर मूल मुद्दा यह है कि क्या प्रदेश की जनता भी 'वोट' देते समय इन्हीं मुद्दों पर गौर करेगी या उसके लिए 'महंगाई, काला धन' जैसे मुद्दे भी कुछ...