नई दिल्ली : करोड़ों रुपए के कर्जदार किंगफिशर एयरलाइन्स के भगोड़े मालिक विजय माल्या के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध को ब्रिटिश सरकार ने वेस्टमिन्स्टर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के मकसद से भेज दिया है। अदालत की मुहर लगने और वारंट जारी होने के साथ माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो जाएगा।
प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध 8 फरवरी को सौंपा गया विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने नियमित ब्रीफिंग में जानकारी दी कि भारत एवं ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार माल्या के बारे में प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध 8 फरवरी 2017 को ब्रिटिश उच्चायोग को सौंपा गया था।
बागले ने कहा कि भारत ने फरवरी में ब्रिटेन सरकार को माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक रूप से अनुरोध किया था। ब्रिटिश सरकार के गृह विभाग ने इस अनुरोध को 21 फरवरी को एक नोट के माध्यम से सूचित किया है कि भारत के अनुरोध को विदेश सचिव से अभिप्रमाणित कराके माल्या का गिरफ्तारी वारंट जारी करने का विचार करने के लिए वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज को अग्रसारित कर दिया है।
माल्या पर बैंकों का कर्ज लेकर भागने का आरोप किंगफिशर एयरलाइन्स के लिए कई सरकारी बैंकों से करीब 8.2 हजार करोड़ रुपए का ऋण लेकर भागे माल्या फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे हैं। उनके खिलाफ कई एजेंसियों ने समन जारी किया है। वित्त मंत्रालय के आग्रह पर विदेश मंत्रालय माल्या का पासपोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है। इसी कारण से उन्हें अपनी राज्यसभा की सदस्यता को खोना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माल्या की फरारी को लेकर देश भर में आलोचना का सामना करना पड़ा है और केन्द्र सरकार माल्या के प्रत्यर्पण के लिए पूरा जोर लगा रही है।