वाशिंगटन : अमेरिकी ख़ुफ़िया परिषद की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है लेकिन उसे आने वाले समय में कट्टर हिन्दुत्व के बढ़ते खतरे से निपटना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की शहरी आबादी अधिक धार्मिक होती जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद मूलतः एक शहरी अवधारणा है। कहा गया है कि भारत में बढ़ती हिंसा और कट्टरपंथ का कारण पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले कई ज्यादा होना है। पिछले पांच दशकों में लगातार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी घटती जा रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लिंगानुपात के कम स्तर, रहन-सहन की लागत बढऩे और कई शादियां करने की परंपरा के प्रचलन में आने से इन युवाओं की शादी की संभावनाएं कम होती जा रही हैं जिसके चलते वे विद्रोही और आतंकी समूहों के बहकावे में भी आकर आसान शिकार बन जा रहे हैं। जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि लिंगानुपात में तीव्र गिरावट आने से युवाओं के लिए शादी का सपना पूरा कर पाना खासा मुश्किल होता जा रहा है।
भारत के 20 साल से लेकर 34 साल की उम्र वाले करीब 5.7 करोड़ युवक अविवाहित थे। आज के समय में करीब 25.3 करोड़ भारतीय पुरुषों की शादी नहीं हुई है लेकिन उन्हें जीवनसाथी बनाने के लिए केवल 19.2 करोड़ महिलाएं ही मौजूद हैं। यह आंकड़ा भारतीय पुरुषों की मुश्किल स्थिति को बयां करने के लिए काफी है।
गैर-सरकारी संगठन कैथलिक सेक्युलर फोरम ने पिछले साल जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईसाई समुदाय पर हमले की 85 बड़ी वारदात हो चुकी हैं। इनमें गिरजाघरों पर हमला करना, पवित्र ग्रंथ बाइबिल का अपमान करना और पादरियों की हत्या जैसी घटनाएं शामिल थीं। इस संगठन ने ईसाई समुदाय पर हमले की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी के लिए देश में तेजी से उभरते हिंदूवादी विचारों की तरफ उंगली उठाई थी।
रिपोर्ट के अनुसतार भारत में आज़ादी के बाद शहरी आबादी में जोरदार इजाफा हुआ है। हरेक साल करीब 1 करोड़ युवा रोजगार की तलाश में शहरों की ओर आ रहे हैं। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत के भीतर महिलाओं की तुलना में पुरुषों की आबादी करीब 10-20 फीसदी अधिक हो जाएगी। भारत में ऐसे पुरुषों की जनसंख्या बढ़ रही है जिनकी शादी की संभावनाएं कम होती जा रही है। इस प्रवृत्ति को अपराध और हिंसा की घटनाओं में आई असामान्य उछाल से जोड़कर देखा जाता रहा है।