नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने से पहले अभी जीएसटी काउंसिल को यह तय करना है कि किस वस्तु पर कितना टैक्स लगेगा। जीएसटी काउंसिल ने वस्तुओं पर टैक्स की चार श्रेणियां बनाई हैं। जिनमे वस्तुओं पर 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत का टैक्स लगेगा।
भारत में तकरीबन 37,500 करोड़ की बिस्किट इंडस्ट्री का कहना है कि बिस्किट को ऐसे टैक्स स्लैब में न रखा जाये जिससे बिस्किट के रेट बढे। इंडस्ट्री ने जीएसटी काउंसिल से आग्रह किया है कि बिस्किट ड्रेस के 85 प्रतिशत घरों में इस्तमाल होते हैं इसलिए अगर बिस्किट की कीमत बढ़ती है तो इससे लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
फेडरेशन ऑफ बिस्किट मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया (FBMI) ने जीएसटी काउंसिल से कहा है कि संगठन ने कहा कि अगर बिस्किट्स के रेट बढ़ते हैं तो मांग घटेगी और उससे किसानों से लेकर निवेश, निर्यात और रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
जीएसटी लागू होने के बाद किस स्लैब में कितना टैक्स लगेगा और कौन सी चीज किस टैक्स के दायरे में आएगी ये मई तक तय होने की संभावना है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी पर राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी में कृषि क्षेत्र टैक्स दायरे से बाहर रहेगा।
उन्होंने साफ किया कि राज्य सरकारों के पास टैक्स लगाने का अधिकार है लेकिन जिन कारणों से अभी कृषि को टैक्स दायरे से बाहर रखा गया है, उन्हीं कारणों से आगे भी ये क्षेत्र टैक्स से बाहर ही रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन पेट्रोलियम प्रोडक्ट भी जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे।