नई दिल्ली : पाकिस्तान को आइसोलेट करने के लिए भारत ने अब सबसे महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। भारत अब पाकिस्तान से आर्थिक रिश्ते ख़त्म करने की दिशा में बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्ज ख़त्म करने के लिए स्टेटस के रिव्यू के लिए अगले हफ्ते मीटिंग बुलाई है पहले यह बैठक 29 सितंबर को होनी थी। इस मीटिंग में भारत सरकार के वित्त और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे। भारत के इस कदम से पाकिस्तान बड़ी मुसीबत में पड़ता दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान से आ रही खबरों के मुताबिक़ भारत ने अब पाकिस्तान के कंटेनरों को क्लियर करना बंद कर दिया है। सैकड़ों कंटेनरों में रखा माल खराब हो गया है, सड़ गया है।
पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए उसके व्यापार िक रिश्तों को प्रभावित करना बेहद अहम कदम माना जा रहा है। वहीँ अमेरिका और चीन पाकिस्तान के अभी भी बड़े कारोबारी दोस्त हैं। उद्योग मंडल एसोचैम के अनुसार साल 2015-16 में भारत के 641 अरब डॉलर के कुल वस्तु व्यापार में पाकिस्तान का हिस्सा मात्र 2.67 अरब डॉलर का है। भारत से इस पड़ोसी देश को 2.17 अरब डॉलर का निर्यात किया जाता है जो कि कुल निर्यात कारोबार का मात्र 0.83 प्रतिशत है जबकि पाकिस्तान से होने वाला आयात 50 करोड़ डालर यानी कुल आयात का 0.13 प्रतिशत ही होता है।
क्या है FMN का दर्जा ?
भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों को लेकर एमएफए स्टेट्स दिया जाता है। एमएफएन स्टेट्स दिए जाने पर दूसरे देश इस बात को लेकर आश्वस्त रहता है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। इसकी वजह से पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है।