अहमदाबाद : मोदी सरकार द्वारा कालेधन के खिलाफ लागू नोटबन्दी का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में हुआ है। कई इलाकों में किसान पैसों के अभाव ने खाद और बीज नही खरीद पा रहे हैं। इन सबसे बीच गुजरात के अहमदाबाद से 90 किलोमाटर दूर साबरकांठा जिले का अकोदरा गांव सरकार के इस कदम का समर्थन कर रहा है।
इस गांव में पहले से ही एक ऐसी योजना चल रही है जहाँ कैश की जरूरत नही पड़ती है। यानी ये भारत का पहला कैशलेस गांव है। गांव वालों को अगर दुकान से कुछ सामान खरीदना हो तो वह एक एसएमएस कर देते हैं और पेमेंट की व्यवस्था भी मोबाइल के जरिये होती है।
गांव में एक बैंक और लोगों की साझेदारी से यह सब हो रहा है। गांव वाले पीएम मोदी के नोटबंदी के कदम का समर्थन कर रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि उनपर नोटबंदी का कोई असर हुआ ही नही है क्योंकि उनका सारा काम तो मोबाइल के जरिये होता है।
अकोदरा गांव को एक साल पहले डिजिटल गांव का दर्ज मिला चुका है। इस गांव में वाईफाई की सुविधा पहले से ही मौजूद है। स्कूलों में एलईडी से पढ़ाई होती है और मोबाइल से ही मनी ट्रांसफर की सुविधा है। इस गांव का मुख्य पेशा कृषि और पशुपालन की है। गांव में 300 परिवार रहते हैं जिनकी जनसंख्या 1200 है। इस गांव जा सरपंच सीसीटीवी से गांव की निगरानी करता है।