नई दिल्ली : फार्च्यून के अंदर आने वाली दुनिया की लगभग 500 कंपनियों की उम्र 100 साल से ऊपर हो चुकी हैं। ये वो कंपनियां हैं जिनकी उम्र 1950 में 75 साल से ऊपर हो चुकी थी। जानकारों की माने तो अब इन कंपनियों की उम्र महज 15 साल रह गई हैं। वहीँ 'इंडिया इंक' में शामिल ऐसी भारतीय कंपनियां जो 100 साल से ज्यादा वक़्त से वजूद में है लेकिन अब तक वो मजबूत स्थिति में हैं।
बॉम्बे डाईंग कंपनी (1879)
नुस्ली वाडिया फैमिली की कंपनी बॉम्बे डाईंग कंपनी की शुरुआत 1879 में हुई थी। रंगाई बिजनेस छोड़कर कंपनी ने टेक्सटाइल बिजनेस अपनाया और शुरूआती दिनों में इसको शानदार सफलता मिली क्योंकि उस वक़्त भारत ने चीन से कपडा मंगाना बंद कर दिया था। साल 2013-14 में इस कंपनी को लगभग 86 करोड़ न नुकसान हुआ। लगातार इनोवेशन और मोर्डनाइज़ेशन के कारण के कारण कंपनी का वजूद आजतक बना हुआ है।
शालीमार पेंट्स (1902)
शालीमार पेंट का स्थापना वर्ष 1902 की है और इसका मालिकाना हक जिंदल फैमिली का पास है। इस कंपनी के ग्राहक CPWD, NTPC, इंडियन रेलवेज, BPCL, IOC शामिल हैं। शालीमार के पास 55000 कलर की वैराइटी है। कंपनी ने इस साल तक 403 करोड़ की सेल्स की और कंपनी को 5.2 करोड़ का प्रॉफिट हुआ।
तीस्ता वेली टी कंपनी (1841)
1941 में स्थापित यह चाय कंपनी आज 175 साल पुरानी हो चुकी हैं लेकिन आजतक इसका कारोबार कभी मंदा नहीं पड़ा। आज कंपनी जापान, जर्मनी ब्रिटेन जैसे देशों में आज भी चाय का एक्सपोर्ट करती हैं। १७५ सालों में इस कंपनी को 1950 के अलावा 1953 और 1955 में मौसम की मर भी झेलनी पड़ी। 1960 और 70 के दशक में कंपनी को कई बार ट्रेड यूनियन की हड़ताल का सामना भी करना पड़ा। इंटरनेशनल मार्किट में चाय की कीमतों में आयी गिरावट के कारण कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा लेकिन तीस्ता वेली भविष्य को लेकर बेहद आशावान है।
ओटिस एलिवेटर कंपनी (1892)
लिफ्ट बनाने वाली इस कंपनी का निर्माण 1892 में हुआ और कंपनी का हैडकवाटर मुम्बई में है। इसके प्रमोटर यूनाइटेड टेक्नोलॉजीज एंड कॉर्प हैं। ओटिस ने दुनिया की सबसे तेज रफ़्तार वाली लिफ्ट बनाई है। जो 2.5 मीटर प्रति सेकंड या 5 00 फ़ीट प्रति मिनट से जा सकती है। इस कंपनी ने दुनिया की सबसे बड़ी ईमारत बुर्ज खलीफा में ग्राउंड लेवल से 124 मंजिल तक 59 सेकंड में पहुंचाने का रिकॉर्ड भी बनाया। भारत में कंपनी के 1600 एम्प्लॉयी काम करते हैं।