गोरखपुर : देश को अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देने वाले हॉकी के द्रोणचार्य आज साइकिल पर टीशर्ट बेचकर अपनी ज़िदगी का गुजारा कर रहे है. घर का खर्च और बेटी की शादी के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. यही वजह है कि वह आज साइकिल पर टीशर्ट बेचकर कर गुजर बसर कर रहे हैं.
1987 से बच्चों को फ्री में हॉकी सिखा रहे हैं इमरान
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के शिष्य रहे इमरान उन्हें आज भी अपना आदर्श मानते हैं. वह बताते हैं कि दादा मेजर ध्यान चंद उनसे कहते थे कि जीवन भर हॉकी की सेवा करना और बच्चों को निःशुल्क हॉकी सिखाना. उन्होंने फर्टिलाइजर कैम्पस में 10 मई 1987 से बच्चों को फ्री में हॉकी सिखाना शुरू किया.
भारतीय महिला हॉकी टीम की वाइस कैप्टन रहीं निधि खुल्लकर, संजू ओझा, रजनी चौधरी, रीता पांडेय, प्रवीन शर्मा, सनवर अली, जनार्दन गुप्ता और प्रतिभा चौधरी जैसे कई दिग्गज खिलाड़ियों ने उनसे हॉकी का जादू सीखने के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई.
1974 में फर्टिलाइजर में नौकरी मिली
हॉकी के इस जादूगर को न तो भारत सरकार और न ही प्रदेश सरकार ने तवज्जों दी. साल 1974 में 30 अप्रैल को इमरान को खेल कोटे से फर्टिलाइजर में नौकरी मिल गई. हालांकि इसके पहले उनका चयन भारतीय राष्ट्रीय टीम में हो गया था. लेकिन, उन्होंने नौकरी को चुना. जिंदगी और परिवार की गाड़ी चलने लगी. 10 जून 1990 को एक हादसे के बाद फर्टिलाइजर में उत्पादन बंद के हो गया. साल 2002 में अधिकतर कर्मचारियों को VRS देकर छुटटी कर दी गई.
गुमनामी के साए में जिंदगी गुजार रहे हैं इमरान
8 इंटरनेशनल और 50 नेशनल महिला और पुरुष खिलाड़ी देश को देने के बाद भी उनका किसी को ख्याल नहीं आया और वह गुमनामी की जिंदगी जीने लगे. भारत सरकार की ओर से मिलने वाली पेंशन 973 रुपए भी इस महंगाई के जमाने में घर खर्च के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई. अब वह घर का खर्च चलाने और बेटी की शादी के लिए घर-घर जाकर स्पोर्ट्स किट्स बेचते हैं. क्यों कि शादी के लिए काफी पैसा चाहिए. 62 साल के इमरान मूलत जौनपुर जिले के अबीरगढ़ टोला के रहने वाले हैं.
7 नवंबर को है बेटी की शादी लेकिन जेब में 5 हजार रुपए
इमरान की बेटी उज़्मा की शादी 7 नवंबर को है. लेकिन, इमरान के खाते में महज 5 हजार रुपए ही हैं. अब उन्हें बेटी की शादी की चिंता दिन-रात सता रही है. में ही बेटी उज़्मा की पढाई भी छुड़वानी पड़ी. उनका बेटा आमिर 2 साल से एक प्राइवेट फर्म में 6 हजार की नौकरी करता है.